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छात्राओं की चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ आवाज़: क्या मिलेगा न्याय?

वसंत कुंज के श्री शारदा इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाली छात्राओं ने चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की है। जब उन्होंने प्रबंधन को अपनी समस्याएं बताने की कोशिश की, तो उन्हें डराया गया। मामला तब उजागर हुआ जब छात्राओं ने एक ग्रुप कैप्टन को ई-मेल भेजा। अब पुलिस जांच कर रही है और छात्राएं न्याय की उम्मीद कर रही हैं। यह घटना न केवल एक संस्थान की है, बल्कि उन सभी छात्राओं की आवाज़ है जो डर और दबाव में पढ़ाई कर रही हैं।
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छात्राओं की चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ आवाज़: क्या मिलेगा न्याय?

चैतन्यानंद सरस्वती विवाद

चैतन्यानंद सरस्वती विवाद: वसंत कुंज में स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च की कई छात्राएं लंबे समय से चैतन्यानंद सरस्वती के उत्पीड़न का सामना कर रही थीं। जब छात्राओं ने अपनी शिकायतें संस्थान के प्रबंधन और फैकल्टी तक पहुंचाने की कोशिश की, तो उन्हें डराया गया और उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। यह मानसिक उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि छात्राओं को भारतीय वायुसेना के यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम से जुड़ी एक महिला ग्रुप कैप्टन को ई-मेल भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा।


छात्राओं की ई-मेल से मामला उजागर

एक अगस्त को जब ग्रुप कैप्टन ने संस्थान के प्रबंधन को इस मामले की जानकारी दी, तब जाकर यह मामला सार्वजनिक हुआ। इसके बाद प्रबंधन ने पीड़ित छात्राओं से बातचीत की और चैतन्यानंद के खिलाफ पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। छात्राओं ने पुलिस को दिए गए बयान और ग्रुप कैप्टन को भेजी गई ई-मेल में विस्तार से बताया कि चैतन्यानंद उन्हें किस प्रकार मानसिक और शैक्षणिक दबाव में रखता था।


डर और धमकियों का माहौल

छात्राओं ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद उन्हें फेल करने, स्कॉलरशिप छीनने या संस्थान में जमा किए गए दस्तावेज न लौटाने की धमकी देकर डराता था। विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाली छात्राएं उसकी प्राथमिक टारगेट थीं, क्योंकि उन्हें अपनी पढ़ाई और स्कॉलरशिप खोने का डर था।


BMW कार से अभद्रता की घटना

मार्च 2025 में, चैतन्यानंद ने कुछ छात्राओं को अपनी नई BMW कार में ऋषिकेश ले जाकर एक आश्रम में ठहराया। वहां, उसने छात्राओं के साथ आपत्तिजनक हरकतें कीं। कई बार उसने उन्हें रात में आपत्तिजनक मैसेज भेजे और अपने कमरे में बुलाया। छात्राओं ने इस व्यवहार की शिकायत फैकल्टी से की, लेकिन वहां से भी उन्हें न्याय नहीं मिला।


फैकल्टी की मिलीभगत और सबूतों का नाश

छात्राओं का कहना है कि जब उन्होंने चैतन्यानंद द्वारा भेजे गए आपत्तिजनक मैसेज फैकल्टी को दिखाए, तो फैकल्टी ने उनसे उन मैसेज को डिलीट करने के लिए कहा और उल्टा धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी और से यह बात की, तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इस प्रकार, फैकल्टी ने न केवल आरोपों को दबाया, बल्कि आरोपी का भी बचाव किया।


पुलिस जांच में मामला, छात्राएं न्याय की चाह में

वर्तमान में यह मामला पुलिस जांच के अधीन है और कई छात्राओं ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। छात्राएं अब चाहती हैं कि चैतन्यानंद सरस्वती और उससे जुड़े सभी दोषियों को कड़ी सजा मिले और संस्थान में एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल स्थापित किया जाए। यह घटना केवल एक संस्थान की नहीं, बल्कि उन सभी छात्राओं की आवाज़ है, जो डर और दबाव में अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं।