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छिंदवाड़ा में बच्चों में रहस्यमय बीमारी का बढ़ता प्रकोप

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों में रहस्यमय बीमारियों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अगस्त से वायरल बुखार के कारण छह बच्चों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश में किडनी फेल होने की समस्या देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 500 से अधिक लोगों की जांच की है, लेकिन अभी तक किसी बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में और क्या सलाह दी गई है।
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छिंदवाड़ा में बच्चों में रहस्यमय बीमारी का बढ़ता प्रकोप

छिंदवाड़ा में बच्चों की गंभीर बीमारियों का मामला

छिंदवाड़ा में रहस्यमय बीमारी: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न गांवों में बच्चों में गंभीर बीमारियों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। अगस्त महीने में वायरल बुखार की लहर के दौरान, छह बच्चों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मामलों में किडनी फेल होने को मौत का मुख्य कारण बताया गया है।


बुखार की लहर का प्रभाव

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नरेश गोन्नाडे के अनुसार, यह समस्या अगस्त में शुरू हुई जब भारी बारिश के कारण वायरल बुखार के मामले बढ़ने लगे। कई बच्चे तेज बुखार के साथ परासिया के सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए। 4 सितंबर को, नागपुर के एक निजी अस्पताल में भेजे गए एक बच्चे की मृत्यु हो गई, जिसमें किडनी फेल होने को मौत का कारण बताया गया।


समान लक्षणों की पहचान

समान लक्षणों का विवरण:

6 सितंबर तक, दो और बच्चों की मृत्यु हो गई और 26 सितंबर तक मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई। सभी बच्चों में पेशाब की कमी या बिल्कुल न आना और किडनी से संबंधित जटिलताएं जैसे समान लक्षण देखे गए।


स्वास्थ्य विभाग की जांच

500 से अधिक लोगों की जांच:

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने 500 से अधिक लोगों की जांच की, जिसमें ब्लड टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट और किडनी फंक्शन टेस्ट शामिल थे। हालांकि, अभी तक किसी बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। राज्य और केंद्र सरकार की विशेषज्ञ टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और नमूने एकत्र किए हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट अभी भी आनी बाकी है।


डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों की सलाह:

इसी बीच, अस्पताल में भर्ती पांच अन्य बच्चे जो समान लक्षणों से पीड़ित थे, ठीक हो गए हैं और उन्हें इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। सरकार ने एक उपचार प्रोटोकॉल जारी किया है जिसमें माता-पिता को सलाह दी गई है कि यदि बुखार दो दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो वे अपने बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।

जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों और मेडिकल कॉलेज के डीन के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों के इलाज में कोई लापरवाही न बरती जाए और जरूरत पड़ने पर आपातकालीन देखभाल के लिए एयर एम्बुलेंस का उपयोग किया जाए।