Newzfatafatlogo

जनरल अनिल चौहान का भविष्य के युद्ध पर व्याख्यान: आतंकवाद और तकनीकी चुनौतियाँ

पुणे में जनरल अनिल चौहान ने 'भविष्य के युद्ध' पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद, पाकिस्तान की रणनीति और आधुनिक युद्ध की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत को आतंकवाद का सामना करना पड़ा है और इसे राज्य नीति के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। जानें उनके विचारों के बारे में और कैसे भारतीय सेना हर खतरे का सामना करने के लिए तैयार है।
 | 
जनरल अनिल चौहान का भविष्य के युद्ध पर व्याख्यान: आतंकवाद और तकनीकी चुनौतियाँ

युद्ध की सफलता का मापदंड

पुणे में सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में 'भविष्य के युद्ध और युद्ध' विषय पर व्याख्यान देते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकसान की तुलना में उसके परिणाम अधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी सैन्य कार्रवाई की सफलता का मूल्यांकन उसके लक्ष्यों की प्राप्ति से होना चाहिए, न कि केवल हानि के आधार पर।


पहलगाम में आतंकी हमला

पहलगाम हमला


जनरल चौहान ने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले को 'गहन क्रूरता' का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि इस हमले में पीड़ितों को उनके परिवारों के सामने सिर में गोली मारी गई, जो केवल निर्दोषों की हत्या नहीं, बल्कि धार्मिक घृणा फैलाने का प्रयास था, जो समाज के मूल्यों के खिलाफ है।


भारत का आतंकवाद से सामना

भारत सबसे अधिक आतंकवाद से प्रभावित देश


उन्होंने बताया कि भारत दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है और यह केवल एक या दो घटनाओं का देश नहीं है। जनरल चौहान ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 20,000 लोग आतंकी हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं, जो दर्शाता है कि भारत आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार रहा है।


पाकिस्तान की रणनीति पर प्रतिक्रिया

हज़ार ज़ख्म देकर भारत को कमजोर करना


पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से 'हज़ार घाव देने' की रणनीति अपनाकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब यह स्वीकार नहीं करेगा कि कोई देश आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल करे।


परमाणु धमकियों का सामना

'परमाणु ब्लैकमेल' से नहीं डरता भारत


सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस विश्वास पर आधारित था कि भारत आतंकवाद और परमाणु धमकियों के साए में नहीं रह सकता। यह ऑपरेशन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है।


युद्ध के तत्व और संचार

युद्ध के तीन प्रमुख तत्व


अपने व्याख्यान में जनरल चौहान ने युद्ध के तीन प्रमुख तत्वों—हिंसा, राजनीति और संचार—की चर्चा की। उन्होंने बताया कि युद्ध केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश देने का माध्यम भी है। आज के युग में संचार की भूमिका युद्ध में और भी महत्वपूर्ण हो गई है।


आधुनिक युद्ध की चुनौतियाँ

आधुनिक युद्ध और तकनीकी जोखिम


जनरल चौहान ने स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में भारत ने अत्याधुनिक क्षमताएं विकसित की हैं, लेकिन उन्हें युद्धक्षेत्र में सीमित रूप से ही आजमाया गया है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने उन्नत ड्रोन-रोधी प्रणालियों और रणनीतिक तकनीकों का प्रभावी उपयोग किया।


सेना की पहचान और लचीलापन

'लचीलेपन से तय होती है सेना की पहचान'


उन्होंने कहा कि असली सैन्य पेशेवर वही होता है जो असफलताओं के बावजूद मजबूती से खड़ा रहे। भारतीय सेना हर पारंपरिक और हाइब्रिड खतरे का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है।