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जनरल द्विवेदी का बयान: युद्ध में जीत रैंक से नहीं, कार्रवाई से होती है तय

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि युद्ध की असली जीत केवल रैंक से नहीं, बल्कि ज़मीन पर की गई कार्रवाई से होती है। जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले का संदर्भ देते हुए बताया कि भारतीय सेना को पहली बार स्पष्ट राजनीतिक समर्थन मिला, जिससे उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के खिलाफ सफल कार्रवाई की। जानें इस बयान का पूरा विवरण और इसके पीछे की कहानी।
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जनरल द्विवेदी का बयान: युद्ध में जीत रैंक से नहीं, कार्रवाई से होती है तय

जनरल द्विवेदी का तंज

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में युद्ध केवल भौतिक मैदान पर नहीं, बल्कि विचारों और धारणा के स्तर पर भी लड़ा जाता है। IIT मद्रास में एक कार्यक्रम के दौरान जनरल द्विवेदी ने कहा, "यदि आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि युद्ध में क्या हुआ, तो वह शायद कहेगा कि हमारे आर्मी चीफ फील्ड मार्शल बन गए, इसका मतलब हम जीत गए।"


युद्ध की असली जीत

जनरल द्विवेदी का यह बयान पाकिस्तान सरकार के उस निर्णय के संदर्भ में था, जिसमें जनरल असीम मुनीर को फाइव-स्टार जनरल और फील्ड मार्शल का दर्जा दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध के मैदान में असली जीत केवल रैंक से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई से तय होती है।


आतंकी हमले का संदर्भ

जनरल द्विवेदी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना ने देश को झकझोर दिया था। इसके बाद 23 अप्रैल को दिल्ली में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "अब बहुत हो चुका।" इसके बाद तीनों सेनाओं को अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई करने की अनुमति दी गई।


सैन्य नेतृत्व को मिली मंजूरी

उन्होंने बताया कि पहली बार सैन्य नेतृत्व को स्पष्ट राजनीतिक समर्थन मिला, जिससे सेना ने पूरी तैयारी के साथ जवाबी कार्रवाई की। कमांडर्स को ज़मीन पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी गई, जिससे सेना का आत्मविश्वास बढ़ा।


ऑपरेशन सिंदूर

इसका परिणाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ था, जिसे भारत ने 7 मई को शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी नेटवर्क पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से अधिक आतंकियों को समाप्त कर दिया गया।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने सीमा पार फायरिंग और ड्रोन हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम के माध्यम से इन हमलों को विफल कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों, रडार सिस्टम, संचार केंद्रों और एयरफील्ड को निशाना बनाया गया, जिससे उसकी सैन्य तैयारियों को गंभीर नुकसान हुआ।