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जनसंगठनों ने आईपीएस अधिकारी की संदिग्ध मृत्यु पर राज्यपाल को ज्ञापन भेजा

जींद में विभिन्न जनसंगठनों ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध मृत्यु के मामले में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने इस घटना को संस्थागत हत्या करार देते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि यह केवल एक अधिकारी की मृत्यु नहीं, बल्कि भारतीय संविधान की समानता और न्याय की भावना पर हमला है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।
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जनसंगठनों ने आईपीएस अधिकारी की संदिग्ध मृत्यु पर राज्यपाल को ज्ञापन भेजा

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत की न्यायिक जांच की मांग


जींद से मिली जानकारी के अनुसार, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा, सीआईटीयू, दलित अधिकार मंच और अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने शनिवार को आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के संबंध में हरियाणा के राज्यपाल को ई-मेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा। संगठन के पदाधिकारियों संदीप जाजवान और नूतन प्रकाश ने बताया कि सरकारी अवकाश के कारण वे व्यक्तिगत रूप से ज्ञापन नहीं सौंप सके।


संविधान की भावना पर हमला


उन्होंने इस घटना को संस्थागत हत्या बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की। उनका कहना था कि यह केवल एक अधिकारी की मृत्यु नहीं, बल्कि भारतीय संविधान की समानता और न्याय की भावना पर सीधा हमला है। वाई पूरन कुमार की मौत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक और पुलिस तंत्र में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं। उनके अंतिम नोट और अन्य रिपोर्टों में यह स्पष्ट है कि उन्हें जातिगत पूर्वाग्रहों के कारण अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।


ज्ञापन में मांग की गई कि अधिकारी की मृत्यु की न्यायिक जांच तुरंत की जाए। सुसाइड नोट और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत के आधार पर नामजद आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।


परिवार की सुरक्षा और सम्मान की मांग


मृतक अधिकारी के परिवार की सुरक्षा, सम्मान और सहायता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं में संस्थागत सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वाई पूरन कुमार के लिए न्याय केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक आत्मा की परीक्षा है। इस अवसर पर राजेश कुमार, पवन कुमार, बिट्टू और किसान सभा से वेद प्रकाश और करतार सिंह भी उपस्थित थे। संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इस अन्याय के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।