जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में ऑपरेशन शील्ड का सफल अभ्यास

ऑपरेशन शील्ड का आयोजन
गृह मंत्रालय के निर्देश पर शनिवार को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में 'ऑपरेशन शील्ड' नामक एक सिविल डिफेंस अभ्यास आयोजित किया गया। यह मॉक ड्रिल संभावित युद्ध या आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए की जाती है। इस अभ्यास के दौरान पंजाब के अमृतसर में हवाई सायरन बजाए गए। जम्मू, श्रीनगर के लाल चौक और डोडा जैसे अन्य स्थानों पर भी ब्लैकआउट मॉक ड्रिल और सिविल डिफेंस अभ्यास किए गए।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
ऑपरेशन शील्ड और मॉक ड्रिल
यह अभ्यास 7 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर के समान है, जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इस बार मॉक ड्रिल पहले 29 मई को आयोजित होने वाली थी, लेकिन 'प्रशासनिक कारणों' से इसे स्थगित कर दिया गया था। अब जम्मू-कश्मीर के अखनूर, श्रीनगर और बारामूला जिलों में ये अभ्यास चल रहे हैं।
ब्लैकआउट का कार्यान्वयन
पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान में ब्लैकआउट
पंजाब और चंडीगढ़ के कुछ क्षेत्रों में अभ्यास के दौरान निश्चित समय के लिए ब्लैकआउट लागू किया जाएगा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी ब्लैकआउट का पालन किया गया और मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में हवाई सायरन बजाए गए। इन अभ्यासों का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में नागरिक सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
ऑपरेशन शील्ड का महत्व
ऑपरेशन शील्ड का महत्व
ऑपरेशन शील्ड के तहत ये मॉक ड्रिल देश की सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अभ्यास आतंकवादी हमलों और अन्य आपदाओं के प्रति सतर्कता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ये ड्रिल विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।