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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित साइबर आतंकियों का बड़ा खुलासा: युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की साजिश

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक पाकिस्तान समर्थित साइबर आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो युवाओं को ऑनलाइन माध्यम से कट्टरपंथ की ओर धकेलने का प्रयास कर रहा था। इस कार्रवाई में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान की गई है, जो सोशल मीडिया के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने चार जिलों में छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले। सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक पांच प्रमुख साइबर आतंकी मॉड्यूल को बेनकाब किया है और आगे की कार्रवाई की योजना बनाई है।
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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित साइबर आतंकियों का बड़ा खुलासा: युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की साजिश

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए एक पाकिस्तान समर्थित साइबर आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो युवाओं को ऑनलाइन माध्यम से कट्टरपंथ की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहा था। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) यूनिट की इस कार्रवाई में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान की गई है, जो सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने की योजना बना रहे थे.


युवाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन रणनीति

पुलिस के अनुसार, आतंकी संगठन व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल और वायर जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्मों का उपयोग कर युवाओं को बरगलाने और आतंकवादी संगठनों में शामिल करने की कोशिश कर रहे थे। इन संगठनों का उद्देश्य इंटरनेट के माध्यम से कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना है.


छापेमारी की गई चार जिलों में

इस नेटवर्क की जानकारी मिलने के बाद, पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा और गंदेरबल जिलों में 10 स्थानों पर छापे मारे। इन छापों के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सबूत और संदिग्ध संपर्कों की जानकारी प्राप्त हुई.


अब्दुल्ला गाज़ी की पहचान

जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने अब्दुल्ला गाज़ी नामक एक व्यक्ति की पहचान की है, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है और रावलपिंडी से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का कार्य कर रहा था। वह एन्क्रिप्टेड चैट का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर के युवाओं तक अपनी विचारधारा पहुंचा रहा था.


पांच मॉड्यूल का पर्दाफाश

सीआईके के एसएसपी ताहिर अशरफ भट्टी ने बताया कि अब तक घाटी में सक्रिय पांच प्रमुख साइबर आतंकी मॉड्यूल को बेनकाब किया जा चुका है। उनका कहना है कि पाकिस्तान लगातार युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हैं और इस तरह की किसी भी गतिविधि को सफल नहीं होने देंगी.


पिछले मॉड्यूलों का विवरण

1. लश्कर-ए-तैयबा फंडिंग मॉड्यूल: पाकिस्तानी आतंकी सुमामा उर्फ बाबर द्वारा संचालित था.


2. हिजबुल मुजाहिदीन वसूली मॉड्यूल: जांबाज़ गाज़ी उर्फ गाज़ी बाबा इसके पीछे था.


3. अंसार गज़वत-उल-हिंद मॉड्यूल: हंजुल्लाह उर्फ बाबा हमास ने इसे चलाया.


4. तहरीक-ए-लब्बैक मुस्लिम (TLM) भर्ती मॉड्यूल: इसका संचालन भी बाबा हमास द्वारा किया गया.


सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता

पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे और अभियानों को अंजाम दिया जाएगा ताकि घाटी के युवाओं को आतंकवाद की दलदल में जाने से रोका जा सके। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य है कि कश्मीरी युवाओं को सुरक्षित, शिक्षित और आतंक-मुक्त वातावरण मिले.