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जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हाहाकार, जापान के पीएम ने जताया दुख

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें लगभग 60 लोगों की जान गई है। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। बचाव कार्यों में कई एजेंसियां जुटी हुई हैं, जबकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत की घोषणा की। जानें इस विनाशकारी घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हाहाकार, जापान के पीएम ने जताया दुख

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का कहर

जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से आई भयंकर बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। इस आपदा पर जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने शनिवार को एक बयान में उत्तरी भारत में आई इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना प्रकट की। इस घटना में लगभग 60 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, 100 से अधिक लोग घायल हैं, और 75 लोग अभी भी लापता हैं।


प्रधानमंत्री इशिबा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि उत्तरी भारत में बाढ़ ने कई कीमती जानें ले लीं। जापान सरकार की ओर से, मैं पीड़ितों के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।" उनका यह संदेश अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता और समर्थन को दर्शाता है।


इस भीषण आपदा के बाद, किश्तवाड़ में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सीमा सड़क संगठन (BRO), नागरिक प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवकों ने मिलकर बचाव कार्य शुरू किया है। लापता लोगों की खोज और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में कुछ बाधाएं आ रही हैं।


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को किश्तवाड़ का दौरा किया और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार इस कठिन समय में लोगों के साथ खड़ी है और मृतकों तथा घायलों के लिए अनुग्रह राशि की भी घोषणा की।


बादल फटना, जिसमें अचानक भारी बारिश होती है, पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यधिक विनाशकारी हो सकता है। किश्तवाड़ में हुई यह घटना इसी का उदाहरण है, जहां अचानक आई बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। सरकार और बचाव दल अधिक से अधिक लोगों को बचाने और प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।