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जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से आई आपदा, तीर्थ यात्रियों पर पड़ा असर

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिशोटी गांव में बादल फटने की घटना ने स्थानीय निवासियों और तीर्थ यात्रियों की जिंदगी को प्रभावित किया है। यह आपदा माछैल माता मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर आई है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रशासन से बचाव कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी प्रभावितों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पद्दर उपमंडल के चिशोटी गांव में गुरुवार को एक गंभीर बादल फटने की घटना ने स्थानीय निवासियों और तीर्थ यात्रियों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह आपदा विशेष रूप से उस मार्ग पर आई है, जो प्रसिद्ध माछैल माता मंदिर की ओर जाता है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। प्रशासन ने अभी तक मौतों और नुकसान के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन प्रारंभिक जानकारी गंभीर क्षति का संकेत दे रही है।


घटना की सूचना मिलते ही केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उप आयुक्त पंकज कुमार शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा के संदेश के बाद प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। राहत और चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए टीमें घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी हैं। जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।


जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है और प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, प्रशासन, पुलिस, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को प्रभावित क्षेत्रों में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।


इन दिनों देश के कई पहाड़ी क्षेत्रों में मॉनसून की भारी बारिश का प्रभाव देखा जा रहा है। विशेष रूप से उत्तराखंड में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। हाल ही में चमोली जिले के नंदप्रयाग में बारिश के कारण भूस्खलन से सड़क बंद हो गई थी, जिसे जिला प्रशासन खोलने में लगा हुआ है। उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त को बादल फटने और तेज बाढ़ से धारली और हर्षिल गांवों में भी भारी नुकसान हुआ था। कीर गड़ क्षेत्र के गांव में पानी और मलबे की तेज़ बहाव से कई मकान बह गए थे। प्रशासन ने हर्षिल से उत्तरकाशी को जोड़ने वाले पुल का पुनर्निर्माण कर दिया है, जिससे राहत सामग्री और मशीनरी की आवाजाही में काफी मदद मिली है।