जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से भारी तबाही, पीएम मोदी ने की स्थिति की समीक्षा

जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदा
जम्मू-कश्मीर आपदा: किश्तवाड़ जिले के छासोटी गांव में गुरुवार को आए भयंकर बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने पीएम मोदी को किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। मेरी सरकार और प्रभावित लोग उनके सहयोग के लिए आभारी हैं।'
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि अब तक 46 शवों में से 21 की पहचान हो चुकी है। प्रशासन ने 160 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। इस घटना में 60 लोगों की जान चली गई है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें से 38 की हालत गंभीर है। कई लोग अभी भी लापता हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इस आपदा में मकान, दुकानें और वाहन बह गए हैं, और कीचड़ तथा मलबे ने पूरे क्षेत्र को ढक दिया है।
I just received a call from Hon PM @narendramodi Sb. I briefed him about the situation in Kishtwar & the steps being taken by the administration. My government & the people hit by this tragic cloudburst are grateful for his support & all the assistance provided by the Union…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 15, 2025
सहायता के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना
प्रभावित लोगों की सहायता के लिए पड्डर में एक नियंत्रण कक्ष और हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, जो छासोटी से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यहां पांच अधिकारियों को तैनात किया गया है। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: 8492886895, 9797504078, 8493801381, 6006701934, 7006463710, 9858223125।
घटना के समय भारी भीड़
यह घटना उस समय हुई जब छासोटी में वार्षिक मचैल माता यात्रा का बेस कैंप स्थापित था। दोपहर करीब 12 बजे से 1 बजे के बीच बादल फटने से आए पानी, मलबे और भूस्खलन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को प्रभावित किया। इस दौरान क्षेत्र में भारी भीड़ थी।
पीएम मोदी की चिंता
अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम मोदी ने हाल के दिनों में देशभर में आई प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'प्रकृति हमें परख रही है। पिछले कुछ दिनों में हमें भूस्खलन, बादल फटना और अन्य आपदाओं का सामना करना पड़ा है। हमारी संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं।'