जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई: पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड समेत तीन आतंकवादी ढेर

पहलवान आतंकवादियों का सफाया
Pahalgam Terrorists : 11 जुलाई को, भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के निकट एक संदिग्ध संचार को इंटरसेप्ट किया, जिसके बाद जवानों ने क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया. यह संचार पहलगाम में हुए 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले से जुड़े आतंकवादियों का था. करीब 17 दिनों के बाद, सोमवार को सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का प्रमुख सदस्य सुलेमान शाह भी शामिल था, जो पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर था. इन आतंकवादियों के पकड़े जाने से एक बड़ी सफलता मिली है, और यह सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, इन आतंकवादियों के पास से कई हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं, जिनमें एम4 कार्बाइन, एके-47 राइफलें और ग्रेनेड शामिल हैं.
सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता
पिछले कुछ दिनों से, जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम क्षेत्र में सुरक्षा बलों की टीमों द्वारा तलाशी अभियान चल रहा था. 11 जुलाई को खुफिया एजेंसियों ने एक संदिग्ध संचार का पता लगाया था, जो पहलगाम हमले से जुड़े आतंकवादियों तक पहुंचने का एक अहम सुराग था. इस संचार के आधार पर, 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा कमांडो की एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी की और आतंकवादियों को ढूंढ़ निकाला. हम नियमित रूप से आतंकवादियों के संचार को रोक रहे हैं. 11 जुलाई को दाचीगाम में एक संदिग्ध संचार का पता चला था और इससे पता चला कि संचार उपकरण का इस्तेमाल करने वाले का पहलगाम हमले से संबंध था. पूरे क्षेत्र में तलाशी और दबदबे के लिए कई दलों को लगाया गया था. आखिरकार सोमवार सुबह 11:30 बजे हमें सफलता मिली जब हमने उन्हें जंगली इलाके में छिपे हुए पाया.
सुलेमान शाह का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से
सुलेमान शाह, जो कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, पहलगाम हमले का मुख्य शूटर और मास्टरमाइंड था. अधिकारियों के अनुसार, शाह पर शक था कि वह पाकिस्तान सेना का एक पूर्व कमांडो हो सकता है. पहलगाम हमले के दौरान, शाह ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय टट्टू संचालक की हत्या की थी, जिसके बाद उसका नाम प्रमुख संदिग्ध के रूप में सामने आया था.
इस हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी शाह की तलाश में थी, और उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार खुफिया जानकारी जुटाई जा रही थी. इसके बाद, उसके डिजिटल संचार के माध्यम से पाकिस्तानी संदिग्ध ठिकानों तक पहुंचने का पता चला, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस हमले में पाकिस्तानी संलिप्तता थी.
आतंकवादियों से बरामद सामग्री
सुरक्षा बलों ने दाचीगाम के हरवान इलाके में स्थित एक ठिकाने से एक एम4 कार्बाइन, दो एके-47 राइफलें, ग्रेनेड और गोला-बारूद के अलावा खाने-पीने का सामान भी बरामद किया है. मारे गए आतंकवादियों के अन्य दो साथियों की पहचान अभी तक आधिकारिक रूप से नहीं की गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'ऑपरेशन महादेव: मारे गए #आतंकवादियों की पहचान की जा रही है! कृपया आगे की जानकारी का इंतजार करें.'
NIA की जांच और गिरफ्तारियां
NIA ने पिछले महीने परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पहलगाम हमलावरों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी ने बयान में कहा, 'परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में तीन आतंकवादियों को शरण दी थी.' इन गिरफ्तारियों के बाद, अधिकारियों को शाह के बारे में अधिक जानकारी मिली और उसकी पहचान की पुष्टि का काम जारी है.
लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट का हाथ
इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के एक छद्म समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी. भारतीय एजेंसियों का मानना है कि यह समूह पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा एक मुखौटा है.
ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार कार्रवाई
भारत ने 7 मई को पहलगाम हमले का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के रूप में दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी शिविरों पर बमबारी की गई थी. इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए थे. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 9 और 10 मई की रात को पाकिस्तान के 13 हवाई ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए, जिससे पाकिस्तान में व्यापक तबाही मचाई गई.