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जयपुर के आमेर किले में भारी बारिश से दीवार ढही: जानें इसके पीछे की वजह

जयपुर के आमेर किले में हाल ही में भारी बारिश के कारण 200 फीट लंबी दीवार ढह गई। इस घटना ने न केवल धरोहर संरक्षण के मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बारिश और दीवार की नींव में पानी भरने के कारण यह हादसा हुआ। प्रशासन ने मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का आश्वासन दिया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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जयपुर के आमेर किले में भारी बारिश से दीवार ढही: जानें इसके पीछे की वजह

आमेर किले में हुई दुर्घटना

Amer Fort: राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित ऐतिहासिक आमेर किला शनिवार को एक गंभीर घटना का साक्षी बना। किले की लगभग 200 फीट लंबी दीवार भारी बारिश के चलते अचानक गिर गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि दीवार का एक बड़ा हिस्सा पानी के दबाव और लगातार बारिश के कारण टूटकर मलबे में तब्दील हो गया। वीडियो में प्राचीन संरचना से पानी की धार बहते हुए भी नजर आ रही है।




किले का ऐतिहासिक महत्व

आमेर किला जयपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल किया गया है। यह किला 16वीं सदी में राजा मान सिंह द्वारा बनवाया गया था और राजपूताना की शौर्य और स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। इसके विशाल दरवाजे, भव्य दीवारें और नक्काशीदार महल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। दीवार का गिरना न केवल धरोहर संरक्षण के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह पर्यटन उद्योग के लिए भी एक बड़ा झटका है।


बारिश से बढ़ी परेशानी

हाल के दिनों में जयपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में लगातार तेज बारिश हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि निरंतर वर्षा और दीवार की नींव में पानी भरने के कारण यह हादसा हुआ। भारी जलधाराओं ने किले की दीवार की मजबूती को कमजोर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। दीवार के गिरने से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन किले के संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारिश रुकने के बाद मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्से को बहाल करने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही, अन्य कमजोर दीवारों और संरचनाओं की भी जांच की जाएगी।


विशेषज्ञों की राय

इतिहासकारों और धरोहर विशेषज्ञों का कहना है कि आमेर किले जैसी प्राचीन संरचनाओं को समय-समय पर मरम्मत और संरक्षण की आवश्यकता होती है। यदि इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो प्राकृतिक आपदाएं जैसे बारिश और बाढ़ इन्हें गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ऐसे किलों के चारों ओर मजबूत जल निकासी प्रणाली और नियमित रखरखाव आवश्यक है।


पर्यटकों पर असर

किले की दीवार गिरने से वहां आने वाले पर्यटकों में चिंता का माहौल बन गया है। कई पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो साझा करते हुए संरक्षण कार्यों पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल सुरक्षा कारणों से किले के कुछ हिस्सों में पर्यटकों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।