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जयशंकर ने ट्रंप के युद्धविराम दावे को किया खारिज

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम संबंधी दावे को खारिज कर दिया है। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता की थी, लेकिन जयशंकर ने इसे गलत बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्धविराम 2003 से लागू है और यह दोनों देशों के बीच सैन्य सहमति का परिणाम है। इस विवाद ने दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी को एक बार फिर से ताजा कर दिया है।
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जयशंकर ने ट्रंप के युद्धविराम दावे को किया खारिज

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर बयानबाजी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस बार विवाद का केंद्र भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का एक विवादास्पद दावा है। ट्रंप ने हाल ही में कहा कि उनके राष्ट्रपति पद के दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम स्थापित करने में मध्यस्थता की थी। उनका यह बयान संभवतः 2019 के पुलवामा हमले के बाद के तनाव से संबंधित है।

हालांकि, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "मैं उस कमरे में था जब ऐसी कोई बातचीत हुई होगी, और मैं आपको बता सकता हूं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।" जयशंकर का यह बयान ट्रंप के दावे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है और इसे सीधे तौर पर गलत साबित करता है।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम वास्तव में 2003 से लागू है, जो कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहमति का परिणाम है, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप का। उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता को बनाए रखते हुए द्विपक्षीय मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है।