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जयशंकर ने ट्रंप के व्यापार संबंधी दावे को किया खारिज

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार की धमकी देकर सीजफायर कराने का उल्लेख किया था। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि सीजफायर का अमेरिका के साथ व्यापार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने घटनाक्रम की समयरेखा साझा करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान ने सीजफायर का अनुरोध किया। इस लेख में जानें पूरी जानकारी और जयशंकर के विचार।
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जयशंकर ने ट्रंप के व्यापार संबंधी दावे को किया खारिज

भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर विदेश मंत्री का स्पष्टीकरण

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार की धमकी देकर सीजफायर कराने का उल्लेख किया था। यह संभवतः पहली बार है जब इस मुद्दे पर इतनी उच्चस्तरीय स्पष्टीकरण दिया गया है, हालांकि जयशंकर ने ट्रंप का नाम नहीं लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का अमेरिका के साथ व्यापार से कोई संबंध नहीं है।


एक इंटरव्यू में, जो अमेरिका में 'न्यूजवीक' के सीईओ देव प्रसाद के साथ हुआ, जयशंकर ने बताया कि 9 मई की रात अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से बातचीत की थी। उस समय वह भी उसी कमरे में मौजूद थे। वेंस ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की योजना बना रहा है, लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि हमले का उचित जवाब दिया जाएगा।


जयशंकर ने घटनाक्रम की समयरेखा साझा करते हुए कहा कि 10 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पीएम मोदी से संपर्क किया और बताया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संपर्क कर सीजफायर का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि 10 मई की शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की पहली सूचना ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर दी थी।


ट्रंप ने बाद में कई बार कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार न करने की धमकी दी थी, जिसके बाद दोनों देशों ने सीजफायर के लिए सहमति जताई। इस पर जयशंकर ने कहा कि घटनाक्रम उस तरह से नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि कूटनीति और व्यापारिक चर्चाएं पूरी तरह से अलग हैं। व्यापार से जुड़े लोग अपने कार्य में व्यस्त हैं और वे सभी पेशेवर हैं। चर्चा के दौरान जयशंकर ने यह भी कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला एक सोचा समझा आर्थिक युद्ध था, जिसका उद्देश्य कश्मीर के पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था।