जयशंकर ने शेख हसीना के भारत प्रवास पर दिया स्पष्ट बयान
शेख हसीना का भारत में रहना: एक निजी निर्णय
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में ठहरने और उनके देश की वर्तमान स्थिति पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। शनिवार को 'हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2025' में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि शेख हसीना का भारत में रहना पूरी तरह से उनका 'निजी निर्णय' है। हालांकि, यह निर्णय उन कठिन परिस्थितियों से भी संबंधित है जिनके कारण उन्हें अपने देश से बाहर आना पड़ा। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने हसीना को आश्वासन दिया है कि वे जब तक चाहें, भारत में सुरक्षित रह सकती हैं। उल्लेखनीय है कि 78 वर्षीय शेख हसीना पिछले साल अगस्त में भारी हिंसा और तख्तापलट के बाद भारत आई थीं, और हाल ही में ढाका की एक विशेष अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है, जिसके बाद उनके प्रत्यर्पण की मांग उठी है।
बांग्लादेश की सरकार को कड़ा संदेश
जयशंकर ने चर्चा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर जोर देते हुए एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पिछली सरकार के चुनावी तरीकों पर शिकायत थी, और यदि समस्या चुनाव थी, तो उनका पहला कार्य निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराना होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, एक लोकतांत्रिक पड़ोसी के रूप में, चाहता है कि बांग्लादेश में जनता की इच्छाओं का सम्मान किया जाए और वहां जल्द से जल्द एक पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल की जाए।
भारत-बांग्लादेश संबंधों का भविष्य
भारत-बांग्लादेश के भविष्य के संबंधों पर बात करते हुए, जयशंकर ने आशा व्यक्त की कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जो भी परिणाम निकलेंगे, वे दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर एक संतुलित और परिपक्व दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। यह बयान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत ने संकेत दिया है कि वह मानवीय आधार पर शरण में आईं हसीना को वापस भेजने के बजाय बांग्लादेश में एक स्थिर और भारत-अनुकूल सरकार के गठन का इंतजार करेगा, और इस समय पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा भारत की प्राथमिकता बनी रहेगी।
