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जया बच्चन का संसद में तीखा हमला: ऑपरेशन 'सिंदूर' पर उठाए सवाल

संसद के मानसून सत्र में जया बच्चन ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद के ऑपरेशन 'सिंदूर' पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने इस नामकरण को असंवेदनशील बताते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। जया ने सदन में शोर मचाने वाले सांसदों को भी जवाब दिया और अपनी पार्टी की प्रियंका चतुर्वेदी को भी झिड़का। जानें इस बहस के पीछे की पूरी कहानी और जया बच्चन के विचार।
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जया बच्चन का संसद में तीखा हमला: ऑपरेशन 'सिंदूर' पर उठाए सवाल

संसद में बहस का मुद्दा: पहलगाम आतंकी हमला

मानसून सत्र के दौरान संसद में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद के सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हो रही है। बुधवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और सरकार की नीतियों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस हमले ने देशवासियों का विश्वास तोड़ दिया है, और जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, वे सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे।


ऑपरेशन 'सिंदूर' नाम पर जया बच्चन की आपत्ति

जया बच्चन ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "सिंदूर तो उजड़ गया, और आपने इसे ही नाम दे दिया ऑपरेशन सिंदूर! जिन औरतों ने अपने पति खो दिए, उनके जीवन से तो सिंदूर मिट गया।" उन्होंने इस नामकरण को असंवेदनशील और दुखद बताया और पूछा कि ऐसे नाम किस सोच के तहत रखे जाते हैं।


सदन में शोर से जया बच्चन का गुस्सा

जब जया बच्चन अपनी बात रख रही थीं, तब कुछ सांसदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे वे नाराज हो गईं। उन्होंने कहा, "मेरे कान बहुत तेज़ हैं, सब सुन रही हूं। जब आप बोल रहे थे, तब मैंने आपको नहीं टोका, अब मैं बोल रही हूं तो कृपया मुझे मत रोकिए।"


प्रियंका चतुर्वेदी को भी झिड़का

जया बच्चन ने अपनी ही पार्टी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को भी मंच पर झिड़क दिया। जब प्रियंका उन्हें शांत करने की कोशिश कर रही थीं, तो जया ने कहा, "मुझे कंट्रोल मत कीजिए।" इस पर प्रियंका थोड़ी असहज हो गईं और हंसते हुए चुप हो गईं।


सरकार पर विपक्ष का आरोप-प्रत्यारोप

इससे पहले लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए सैन्य अभियान पर अपने विचार रखे थे। इसके बावजूद, विपक्ष ने सरकार से संतोषजनक जवाब न मिलने की बात कही। जया बच्चन का यह भाषण न केवल भावनात्मक था, बल्कि सरकार की जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है।