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जरीन खान का अंतिम संस्कार: हिंदू रीति रिवाज से क्यों हुआ?

जरीन खान, संजय खान की पत्नी, का निधन 7 नवंबर को हुआ। उनके अंतिम संस्कार में कई सितारे शामिल हुए, लेकिन यह हिंदू रीति रिवाज से किया गया, जिससे फैंस में सवाल उठे। जानें कि जरीन ने क्यों चाहा कि उनका अंतिम संस्कार इस रीति से हो और पारसी परंपरा के बारे में।
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जरीन खान का अंतिम संस्कार: हिंदू रीति रिवाज से क्यों हुआ?

जरीन खान का निधन और अंतिम संस्कार

एक्टर संजय खान की पत्नी, जरीन खान, का 7 नवंबर को निधन हो गया। उन्हें उम्र से संबंधित समस्याओं के कारण हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। उनके अंतिम संस्कार में कई मशहूर हस्तियों जैसे ऋतिक रोशन, जैकी श्रॉफ, बॉबी देओल और गौरी खान ने भाग लिया। हालांकि, उनके अंतिम संस्कार का वीडियो देखने के बाद फैंस के मन में कुछ सवाल उठने लगे। दरअसल, जरीन खान का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया, जिससे लोग हैरान थे।


जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि संजय खान मुस्लिम हैं, जबकि जरीन खान पारसी थीं। पारसी परंपरा के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार दोखमेनाशिनी विधि से होना चाहिए था, जिसमें शव को टावर ऑफ साइलेंस पर रखा जाता है ताकि गिद्ध उसे खा सकें। लेकिन यह प्रथा अब लगभग समाप्त हो चुकी है, जिसके कारण अंतिम संस्कार या दफनाने की परंपरा को अपनाया जाता है।


जरीन खान का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से क्यों हुआ?

जरीन खान ने अपने निधन से पहले हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार की इच्छा व्यक्त की थी। इसका कारण यह था कि उनके परिवार का सरनेम कतरक था, जिससे उनका विश्वास जीवन में बना रहा। शादी के बाद भी उन्होंने इस्लाम नहीं अपनाया। इसलिए, जरीन खान के परिवार और उनके बेटे जायद खान ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया।