जर्मनी में भारतीय पेशेवरों के लिए नए अवसर: H1B वीजा नीति में बदलाव के बीच

जर्मन राजदूत का बयान
जर्मन राजदूत: हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा शुल्क को 2,000-3,000 डॉलर से बढ़ाकर लगभग 1,00,000 डॉलर कर दिया है। इसका परिणाम यह होगा कि अमेरिकी कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना लगभग असंभव हो जाएगा। इस संदर्भ में, भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने X पर एक वीडियो संदेश में कहा, 'जर्मनी अपनी स्थिर प्रवासन नीतियों और भारतीयों के लिए बेहतरीन रोजगार के अवसरों के साथ सबसे अलग है। जर्मनी में उच्च कुशल भारतीयों का स्वागत है।'
H1B वीजा धारकों की स्थिति
H1B वीजा धारकों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है। राजदूत ने बताया कि जर्मनी में भारतीय कर्मचारी औसत जर्मन कर्मचारियों की तुलना में अधिक कमाते हैं और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा, 'हम मेहनती लोगों को बेहतरीन नौकरियां देने में विश्वास करते हैं। जर्मनी में काम कर रहे भारतीयों के बारे में बात करने का यह एक अच्छा समय है।'
जर्मनी की प्रवासन नीति
डॉ. एकरमैन ने जर्मनी की प्रवासन नीति की तुलना एक जर्मन कार से करते हुए कहा, 'यह विश्वसनीय, आधुनिक और पूर्वानुमानित है। यह बिना किसी टेढ़े-मेढ़े सीधी रेखा में चलेगी, और आपको तेज गति से पूरी तरह ब्रेक लगाने का डर नहीं होगा। हम अपने नियमों में रातोंरात बुनियादी बदलाव नहीं करते।' उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी में कुशल भारतीय कामगारों के लिए पर्याप्त अवसर हैं और उन्हें आश्चर्यजनक करियर विकल्प मिलेंगे।
डॉ. एकरमैन का संदेश
Here is my call to all highly skilled Indians.
— Dr Philipp Ackermann (@AmbAckermann) September 23, 2025
Germany stands out with its stable migration policies, and with great job opportunities for Indians in IT, management, science and tech.
Find your way to Germany to boost your career: https://t.co/u5CmmrHtoF pic.twitter.com/HYiwX2iwME
चीन का भी आमंत्रण
जर्मनी से पहले, चीन ने भी H1B वीजा शुल्क में वृद्धि के बाद अंतर्राष्ट्रीय कुशल पेशेवरों को आमंत्रित किया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, 'वैश्वीकृत दुनिया में, प्रतिभाओं का सीमा पार प्रवाह वैश्विक तकनीकी और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं का स्वागत करता है ताकि वे मानवता की प्रगति और करियर में सफलता के लिए अपना स्थान बना सकें।' इस प्रकार, जर्मनी और चीन दोनों ही भारतीय और वैश्विक कुशल पेशेवरों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहे हैं, जबकि अमेरिकी नीति में बदलाव उलझन पैदा कर रही है।
नए करियर के अवसर
डॉ. एकरमैन का संदेश भारतीय पेशेवरों के लिए स्पष्ट है - यदि अमेरिका अब उच्च शुल्क और जटिल नियमों के कारण नौकरी देने में रुकावट डाल रहा है, तो जर्मनी और चीन ऐसे अवसर प्रदान कर रहे हैं जहां कुशल प्रतिभाओं का स्वागत है। डॉ. फिलिप एकरमैन ने कहा, 'हम उच्च कुशल भारतीयों को अपने समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह उनके करियर और हमारे देश के लिए एक जीत है।'