जल जीवन मिशन में 250 करोड़ के घोटाले की जांच की मांग

भ्रष्टाचार का आरोप
लखनऊ। जल जीवन मिशन योजना के तहत 'हर घर शुद्ध जल' पहुंचाने के दावे में भ्रष्टाचार की समस्या सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया से शुरू होकर यह योजना अब करोड़ों के घोटाले का कारण बन गई है। जब इस मामले का खुलासा हुआ, तो सभी चौंक गए। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस घोटाले की जांच के लिए यूपी की राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें 250 करोड़ के घोटाले का जिक्र है।
जल जीवन मिशन योजना के तहत 'हर घर शुद्ध जल' पहुंचाने के नाम पर बड़े पैमाने पर लूट की जा रही है। इस लूट में मंत्री, अधिकारी और विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। प्रदेश के कई हिस्सों से इस योजना में भ्रष्टाचार की खबरें आ रही हैं। अब इस योजना के प्रचार में 250 करोड़ से अधिक के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत अमिताभ ठाकुर ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है। उन्होंने इस घोटाले की जांच की मांग की है।
अपने पत्र में उन्होंने बताया कि गोरखपुर के भटहट क्षेत्र के निवासी आफताब आलम पर विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर विभिन्न कंपनियों के माध्यम से घोटाला करने का आरोप है। आफताब आलम पहले बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रह चुके हैं और उन्हें अगस्त 2023 में पार्टी से निकाला गया था।
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन द्वारा 10 अप्रैल 2023 को 13 फर्मों को प्रचार के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिनमें आफताब आलम से जुड़ी सात कंपनियां शामिल थीं। इनमें वेलफेयर एंड इलस्ट्रेशन ऑफ नीडी ग्रामीण सोसाइटी, इन्फोटेक सलूशन, एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट, एपइन्वेंटिव टेक्नोलॉजीज, न्यू जेनेसिस, प्योर लाइफ सोसाइटी और फाल्कन मुंबई शामिल हैं।
अमिताभ ठाकुर के अनुसार, अभिलेखों से यह स्पष्ट होता है कि इन कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, जैसे गलत पते, फर्जी टर्नओवर और अनुभव प्रमाण पत्र। इसके अलावा, चार्टर्ड अकाउंटेंट के यूडीआईएन नंबर के बिना ऑडिट रिपोर्ट भी दी गई है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार की खरीद नीति का उल्लंघन भी किया गया है।
इन सात कंपनियों को कुल 321 करोड़ रुपये के टेंडर दिए गए हैं, लेकिन प्रचार प्रसार में लगभग शून्य गतिविधि हुई है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि घोटाले की राशि कम से कम 250 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में हर स्तर पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप हैं और यह मामला केवल मिशन के प्रचार से संबंधित है। अमिताभ ठाकुर ने इन तथ्यों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हुए एक रिटायर्ड हाई कोर्ट से इसकी जांच की मांग की है।