जल जीवन मिशन में अनियमितताओं पर केंद्र सरकार ने सात राज्यों पर लगाया भारी जुर्माना
प्रधानमंत्री मोदी की सख्त कार्रवाई
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी कार्रवाई के परिणामस्वरूप, केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के चलते सात राज्यों पर कुल 129.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
जल जीवन मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का मुख्य लक्ष्य 2019 से हर घर में नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। गुजरात पर सबसे अधिक जुर्माना लगाया गया है। केंद्र ने वित्तीय, प्रक्रियागत और गुणवत्ता से संबंधित खामियों पर कड़ी निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
राज्यों पर जुर्माना
सात राज्यों में जुर्माने की राशि इस प्रकार है: तमिलनाडु को 3 लाख, त्रिपुरा को 1.22 करोड़, असम को 5.08 लाख, महाराष्ट्र को 2.02 करोड़, कर्नाटक को 1.01 करोड़ और राजस्थान को 5.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गुजरात से 120.65 करोड़ रुपये की वसूली प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें अब तक 6.65 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं। कुल 129.27 करोड़ रुपये में से 12.95 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है.
प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन में जीरो टॉलरेंस नीति को लागू करने पर जोर दिया है। किसी भी प्रकार की वित्तीय, प्रक्रियागत या गुणवत्ता संबंधी लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मिशन की पारदर्शिता और जवाबदेही इसके मुख्य स्तंभ हैं। जल जीवन मिशन के लिए प्रारंभ में 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन अब तक खर्च 4.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है.
मिशन की प्रगति और चुनौतियाँ
जल जीवन मिशन के तहत 19.36 करोड़ घरों तक पीने योग्य पानी पहुँचाने के लिए पाइपलाइन और ओवरहेड टैंक स्थापित किए गए हैं। कई ग्राम पंचायतों में संचालन और रखरखाव से संबंधित चुनौतियाँ सामने आई हैं। अब तक 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की है। 20 राज्यों में कुल 607 मामलों में 62 विभागीय अधिकारी, 969 ठेकेदार और 153 थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी शामिल पाए गए हैं.
कानूनी कार्रवाई
इन अनियमितताओं के खिलाफ नौ FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें 20 अधिकारी, 10 ठेकेदार और एक थर्ड पार्टी एजेंसी शामिल है। इसके तहत एक पूर्व मंत्री, 10 अधिकारी और आठ ठेकेदार गिरफ्तार किए गए हैं। शेष 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जैसे आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा और तेलंगाना, ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है.
भविष्य की योजनाएँ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। हालांकि, आगे के फंड आवंटन की निर्भरता राज्यों द्वारा रिपोर्ट की गई अनियमितताओं को सुधारने पर होगी। केंद्र मिशन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी जारी रखेगा.
