जल संरक्षण पर जोर: विजेंद्र गुप्ता का संदेश

जल का महत्व और संरक्षण की आवश्यकता
जल केवल संसाधन नहीं, जीवन का आधार है
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पानी के महत्व पर जोर देते हुए इसे बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। गुप्ता ने बताया कि आज प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिसमें जल भी शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी कि कई भारतीय शहर अब जल संकट का सामना कर रहे हैं, और यदि हम सतर्क नहीं हुए, तो आने वाले दशकों में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी।
पुस्तक 'पानी की कहानी' का विमोचन
दिल्ली विधानसभा में 'पानी की कहानी' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर गुप्ता ने कहा कि जल केवल एक साधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अनियंत्रित उपभोग और लापरवाह व्यवहार के कारण हम जल संकट के गंभीर दौर में प्रवेश कर चुके हैं। यह संकट अब केवल स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या बन चुका है, जिसके समाधान के लिए जन जागरूकता आवश्यक है।
विशिष्ट अतिथियों के विचार
इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली विधानसभा की विधायी अध्ययन ब्यूरो और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा किया गया था। इस अवसर पर डॉ. अतुल कोठारी, गोपाल आर्य और पुस्तक के लेखक संजय स्वामी उपस्थित रहे। गुप्ता ने लेखक को इस महत्वपूर्ण कृति के लिए बधाई दी और कहा कि 'पानी की कहानी' जल संकट के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है।
जल संरक्षण में जन भागीदारी की आवश्यकता
गुप्ता ने जल संरक्षण में जन भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि साफ पानी का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को इस दिशा में योगदान देना चाहिए। अंत में, उन्होंने कहा कि हर बूँद को बचाना और भविष्य को संवारना हमारी सबसे बड़ी सेवा और जिम्मेदारी है। डॉ. कोठारी ने भी जल संरक्षण को सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा।