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जलवायु परिवर्तन: तटीय शहरों के अस्तित्व पर खतरा

जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जलस्तर में वृद्धि कई तटीय शहरों के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है। वैज्ञानिकों की भविष्यवाणियों के अनुसार, आने वाले दशकों में कई प्रमुख शहर जैसे वेनिस, न्यू ऑरलियन्स, और कोलकाता जलमग्न हो सकते हैं। इस लेख में हम उन शहरों की स्थिति और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
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जलवायु परिवर्तन और समुद्री जलस्तर की वृद्धि

धरती पर पानी जीवन का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन भविष्य में यह विनाश का कारण भी बन सकता है। जलवायु परिवर्तन और समुद्री जलस्तर में निरंतर वृद्धि ने कई तटीय शहरों के अस्तित्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैज्ञानिकों की भविष्यवाणियों के अनुसार, आने वाले दशकों में कई प्रमुख शहर जलमग्न हो सकते हैं।


समुद्री जलस्तर में वृद्धि: क्या यह प्राकृतिक प्रक्रिया है या मानव की लापरवाही? पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा जल से ढका हुआ है, जबकि शेष भूमि पर पर्वत, रेगिस्तान और जंगल फैले हुए हैं। लेकिन ग्लेशियरों के पिघलने और समुद्री सतह के बढ़ने की गति चिंताजनक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रक्रिया जारी रही, तो 2050 से 2100 के बीच कई शहर समुद्र में समा सकते हैं।


वेनिस: इटली का डूबता ऐतिहासिक शहर, जिसे 'जलनगरी' कहा जाता है, पहले से ही बाढ़ का सामना कर रहा है। यह शहर पानी पर बना है और हर साल ज्वारभाटा के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र का जलस्तर बढ़ने से यह शहर धीरे-धीरे डूब रहा है।


एम्स्टर्डम और रॉटरडम: नीदरलैंड्स के संकटग्रस्त तटीय क्षेत्र, जहां जलवृद्धि के कारण ये शहर भी खतरे में हैं। यदि समुद्री स्तर और बढ़ता है, तो ये शहर जलमग्न हो सकते हैं।


न्यू ऑरलियन्स: अमेरिका का एक ऐसा शहर जो नहरों और जल स्रोतों से घिरा हुआ है। जलस्तर बढ़ने पर यह शहर भी प्रभावित हो सकता है।


बसरा: इराक का दलदली शहर, जो समुद्री जलवृद्धि के प्रति संवेदनशील है। थोड़ी सी भी जलवृद्धि इसे जलमग्न कर सकती है।


बैंकॉक: थाईलैंड की राजधानी, जो हर साल 2-3 सेंटीमीटर नीचे धंस रही है। जलस्तर बढ़ने पर यह शहर संकट में पड़ सकता है।


हो ची मिन्ह सिटी: वियतनाम का आर्थिक केंद्र, जो दलदली भूभाग पर स्थित है और 2030 तक जलमग्न होने की संभावना है।


कोलकाता: भारत का प्रमुख महानगर, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से अछूता नहीं है। यदि समुद्री जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो यह शहर भारी वर्षा और बाढ़ के कारण अस्तित्वहीन हो सकता है।