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जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उनका कार्यकाल 15 महीनों का होगा। इस समारोह में कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। जस्टिस सूर्यकांत ने कई महत्वपूर्ण मामलों में भाग लिया है, जिसमें अनुच्छेद 370 का रद्द होना शामिल है। जानें उनके कार्यकाल और योगदान के बारे में अधिक जानकारी।
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जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण

जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। उनका कार्यकाल 15 महीनों का होगा। वे CJI भूषण आर गवई की जगह लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह शपथ दिलाई। CJI गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124 की धारा 2 के तहत जस्टिस सूर्यकांत का नाम प्रस्तावित किया था, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दी।


शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल भी शामिल हुए। जस्टिस सूर्यकांत को 30 अक्टूबर 2025 को CJI नियुक्त किया गया था और वे 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर रहेंगे। CJI बी आर गवई के 65 वर्ष पूरे होने के कारण वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने परंपरा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को अगला CJI बनाने का निर्णय लिया और जस्टिस सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी चुना।


महत्वपूर्ण निर्णयों में योगदान

जस्टिस सूर्यकांत कई महत्वपूर्ण मामलों में सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने से लेकर बिहार में SIR पर सुनवाई तक कई महत्वपूर्ण निर्णय सुनाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग को SIR के दौरान निकाले गए 65 लाख मतदाताओं की सूची जारी करने का आदेश भी दिया था।