जापान ने साने ताकाइची को पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना

जापान में ऐतिहासिक चुनाव
टोक्यो: मंगलवार को जापान ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मील का पत्थर स्थापित किया। देश की संसद ने साने ताकाइची को पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। यह घटना जापान के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि ताकाइची न केवल पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं, बल्कि वह सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की पहली महिला नेता भी हैं।
इससे पहले, एलडीपी ने ‘#चेंजएलडीपी’ के नारे के तहत साने ताकाइची को अपना नया नेता चुना था। पार्टी के नेता बनने के बाद, उनका प्रधानमंत्री बनना लगभग निश्चित था, जिस पर संसद ने आज मुहर लगाई।
64 वर्षीय साने ताकाइची की यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने बिना किसी प्रमुख राजनीतिक पृष्ठभूमि के इस ऊंचाई को हासिल किया है।
चूंकि विपक्ष एकजुट नहीं था, इसलिए इस नए गठबंधन ने साने ताकाइची के लिए प्रधानमंत्री पद सुनिश्चित किया। हालांकि, उनकी जीत कई चुनौतियों से भरी हुई है। ताकाइची का यह नया गठबंधन अभी भी संसद के दोनों सदनों में बहुमत से दूर है।
इसका मतलब है कि उन्हें किसी भी कानून को पारित कराने के लिए अन्य विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त करना होगा। यह एक बड़ा जोखिम है, जो उनकी सरकार को अस्थिर और संभवतः अल्पकालिक बना सकता है।
साने ताकाइची का परिचय
कौन हैं साने ताकाइची
साने ताकाइची का व्यक्तित्व उनकी राजनीति के समान ही चर्चित रहा है। राजनीति में आने से पहले, वह एक 'हेवी-मेटल ड्रमर' और 'बाइकर' रह चुकी हैं। 1993 में अपने गृहनगर नारा से पहली बार सांसद चुने जाने के बाद, उन्होंने पार्टी और सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिसमें आंतरिक मामलों, आर्थिक सुरक्षा और लैंगिक समानता जैसे मंत्रालय शामिल हैं।
ताकाइची ब्रिटेन की पूर्व पीएम मार्गरेट थैचर को अपना राजनीतिक आदर्श मानती हैं और जापान के दिवंगत पूर्व पीएम शिंजो आबे के रूढ़िवादी दृष्टिकोण से सहमत हैं। उन्हें विदेशी मामलों, विशेषकर चीन के प्रति एक कट्टर नेता माना जाता है।
वह जापान के युद्धकालीन इतिहास की समीक्षावादी हैं और नियमित रूप से विवादास्पद यासुकुनी तीर्थस्थल का दौरा करती हैं, जिससे पड़ोसी देश चीन और दक्षिण कोरिया अक्सर नाराज हो जाते हैं। उन्हें चीन के प्रति सख्त और दक्षिण कोरिया के प्रति सतर्क रुख रखने वाली नेता के रूप में जाना जाता है।