जापान में 8.8 तीव्रता का भूकंप: सुनामी का खतरा और सुरक्षा उपाय

जापान में भूकंप और सुनामी का खतरा
रूस में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने उत्तर प्रशांत महासागर क्षेत्र में चिंता का माहौल बना दिया है। जापान, रूस, चीन, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने उच्च अलर्ट जारी किया है।
अमेरिकी राज्य अलास्का और हवाई द्वीपों में भी खतरे की चेतावनी दी गई है। होनूलूलू में सुनामी सायरन बजने लगे हैं, और लोगों को ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
जापान मेट्रोलॉजिकल एजेंसी के अनुसार, होकैडो के टोकाची तटीय क्षेत्र में 40 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहर देखी गई है, जो कि केवल शुरुआत हो सकती है, जिससे अधिक खतरे की आशंका जताई जा रही है।
सड़क पर भारी जाम और आपातकालीन उपाय
जापान में इस आपदा के प्रति अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। सरकार ने लगभग 19 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के तटीय क्षेत्रों में लहरें पहले ही टकरा चुकी हैं, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।
At least 4 whales have washed up along the coast of Japan, hours after 8.8 earthquake
Civilians seen on top of building in Hokkaido, Japan amid tsunami warning.
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— Sumit (@SumitHansd) July 30, 2025
सड़कों पर भगदड़ जैसी स्थिति है, और ट्रैफिक जाम राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है। कई स्थानों पर सड़कें ठप हैं और लोग अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल चुके हैं।
होकैडो द्वीप पर सुनामी का प्रभाव
फायर एंड डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने 21 प्रांतों में अलर्ट जारी करते हुए 20 लाख लोगों को निकालने के आदेश दिए हैं। सबसे अधिक प्रभाव होकैडो द्वीप पर देखा जा रहा है, जहां 50 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहरें तट से टकराई हैं।
सेनडाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अपने रनवे को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है, और तटीय बंदरगाहों से जहाजों की आवाजाही भी रोक दी गई है। हवाई और समुद्री यातायात पर इसका सीधा असर पड़ा है।
फुकुशिमा प्लांट की सुरक्षा
2011 के विनाशकारी भूकंप के बाद से फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को लेकर जापान पहले से ही सतर्क है। इस बार भी खतरे को देखते हुए टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) ने सभी कर्मचारियों को ऊंचाई वाले स्थानों पर भेज दिया है।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल प्लांट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही किसी कर्मचारी के घायल होने की सूचना है। सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा एक बार फिर जापान पर मंडरा रहा है। 2011 की त्रासदी को याद करते हुए देश ने समय पर आवश्यक कदम उठाए हैं। हालांकि, 19 लाख लोगों का एक साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाना और ट्रैफिक जाम जैसी चुनौतियां राहत कार्यों के लिए बड़ी परीक्षा बन गई हैं।