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जापान में नए प्रधानमंत्री के लिए चुनावी दौड़ शुरू

जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने नए प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 4 अक्टूबर को होने वाले मतदान में केवल पार्टी के सदस्य भाग लेंगे। प्रमुख उम्मीदवारों में शिंजिरो कोइज़ुमी, साने ताकाइची, और योशिमासा हयाशी शामिल हैं। क्या साने ताकाइची चुनाव जीतकर जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी? जानें इस चुनाव के बारे में और अधिक जानकारी।
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जापान की सत्तारूढ़ पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया

जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के उत्तराधिकारी की खोज शुरू कर दी है। नए नेता को न केवल जनता का विश्वास अर्जित करना होगा, बल्कि संसद में बहुमत भी प्राप्त करना होगा। इस चुनाव के लिए एलडीपी का नारा है: "बदलाव, एलडीपी।"


निर्णायक मतदान 4 अक्टूबर को होगा, जो आम जनता के लिए नहीं है। इसमें केवल एलडीपी के 295 सांसद और लगभग 10 लाख भुगतानकर्ता सदस्य भाग लेंगे। यदि किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता, तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच पुनः मतदान होगा।


उम्मीदवारों की सूची में शीर्ष 5 नाम शामिल हैं:


1. शिंजिरो कोइज़ुमी (44): पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के पुत्र, पार्टी में सुधार के लिए जाने जाते हैं। महंगाई को नियंत्रित करने और जनता की चिंताओं को दूर करने का वादा करते हैं। यदि जीतते हैं, तो जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन सकते हैं।


2. साने ताकाइची (64): पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी सहयोगी, पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की प्रबल दावेदार। सैन्य खर्च बढ़ाने और पारंपरिक मूल्यों की समर्थक हैं। चीन के प्रति सख्त रवैया रखते हुए कूटनीतिक संबंधों को भी महत्व देती हैं।


3. योशिमासा हयाशी (64): इशिबा के मुख्य सचिव, हार्वर्ड के पूर्व छात्र और पॉप बैंड में गिटारिस्ट। अर्थव्यवस्था और वेतन वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं।


4. तोशिमित्सु मोटेगी (69): पूर्व विदेश मंत्री, ट्रंप प्रशासन के करीबी। व्यापार और कूटनीति में विशेषज्ञता रखते हैं।


5. ताकायुकी कोबायाशी (50): सख्त राष्ट्रवादी, जीडीपी का 2% रक्षा बजट को अपर्याप्त मानते हैं और प्रवासियों पर कड़े नियमों के पक्षधर हैं।


क्या जापान को पहली महिला प्रधानमंत्री मिलेगी? यदि साने ताकाइची चुनाव जीतती हैं, तो वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी। हालांकि, उनके कट्टरपंथी विचार और युद्धकालीन इतिहास को लेकर विवाद उनके लिए संदेह पैदा करते हैं। फिर भी, वह खुद को एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं।