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जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग: रहमान गुल बलूच की मौत से पाकिस्तान में हलचल

रहमान गुल बलूच की मौत ने पाकिस्तान में बलूच विद्रोह के संदर्भ में नई बहस छेड़ दी है। वह जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग का मास्टरमाइंड माना जाता था। जानें कैसे उसने अपने सैन्य अनुभव का उपयोग कर मजीद ब्रिगेड को आधुनिक बनाया और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर हमलों की योजना बनाई। क्या उसकी मौत से विद्रोह खत्म होगा? इस लेख में जानें बलूचिस्तान के संघर्ष की जटिलताएँ और रहमान गुल का प्रभाव।
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जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग: रहमान गुल बलूच की मौत से पाकिस्तान में हलचल

जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग का नया मोड़

Jaffer Express Hijacking: अफगानिस्तान से आई एक महत्वपूर्ण खबर ने पाकिस्तान और बलूच विद्रोहियों के बीच चल रहे संघर्ष को एक नया मोड़ दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का प्रमुख कमांडर रहमान गुल बलूच, जिसे 'उस्ताद मुरीद' के नाम से भी जाना जाता था, अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में एक मुठभेड़ में मारा गया। माना जा रहा है कि वह हाल ही में हुई जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग का मास्टरमाइंड था।


रहमान गुल की मौत का महत्व

गुल बलूच की मौत को पाकिस्तान एक बड़ी सफलता मान रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बलूच विद्रोह समाप्त नहीं होगा। रहमान गुल पहले पाकिस्तानी सेना में कप्तान रह चुका था और बाद में बलूच लिबरेशन आर्मी की आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड का डिप्टी कमांडर बना। पाकिस्तानी-ब्रिटिश भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फरहान जाफरी ने कहा कि पाकिस्तानी सूत्रों ने अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में गुल बलूच की हत्या का दावा किया है, लेकिन इस रिपोर्ट की पुष्टि अभी बाकी है।


रहमान गुल का जीवन और विद्रोह की कहानी

रहमान गुल बलूच का जन्म बलूचिस्तान के नुशकी में हुआ था। उसने पेशावर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (PMA काकुल) से प्रशिक्षण लिया। वह पाकिस्तानी सेना में कप्तान के रूप में सेवा कर चुका था और दक्षिण वजीरिस्तान, उत्तर वजीरिस्तान और पीओके के कोटली जिले में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस का अनुभव प्राप्त किया। 2010 के प्रारंभिक वर्षों में राज्य द्वारा बलूच संसाधनों के 'शोषण' से निराश होकर उसने सेना छोड़ दी और 2014 में BLA से जुड़ गया। जल्द ही वह मजीद ब्रिगेड का दूसरा सबसे बड़ा कमांडर बन गया।


मजीद ब्रिगेड का आधुनिकीकरण

रहमान गुल बलूच ने अपने सैन्य अनुभव का उपयोग करते हुए मजीद ब्रिगेड को आधुनिक तरीके से संगठित किया। उसने लड़ाकों को शहरी युद्ध, गुरिल्ला हमले, आईईडी निर्माण और आत्मघाती हमलों की रणनीति सिखाई। अमेरिकी हथियारों की तस्करी कर संगठन को और मजबूत किया, खासकर 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद।


चीन-पाक प्रोजेक्ट्स पर हमले

रहमान गुल बलूच ने कई हाई-प्रोफाइल हमलों की योजना बनाई, विशेषकर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े इंजीनियरों और ठिकानों पर। उसने कहा कि ये औपनिवेशिक लूट का जवाब है। उसने बलूचिस्तान में जबरन गुमशुदगियों, आर्थिक हाशिये और सांस्कृतिक दमन के मुद्दों को भी उठाया।


जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग: सबसे बड़ा हमला

11 मार्च 2025 को हुई जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग को रहमान गुल का सबसे साहसी ऑपरेशन माना जाता है। क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन को बोलान की पहाड़ियों में निशाना बनाया गया, जहां 400 से अधिक यात्रियों को 48 घंटे तक बंधक बनाए रखा गया। इस घटना में 21 नागरिक और 4 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। पाकिस्तानी सेना ने 'ऑपरेशन ग्रीन बोलान' के तहत ट्रेन को छुड़ाया और 33 BLA लड़ाकों को मार गिराया। हालांकि BLA ने पाकिस्तानी सेना के 50 जवानों के मारे जाने का दावा किया।


अमेरिका की पाबंदियों का प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने BLA और मजीद ब्रिगेड को 'विदेशी आतंकी संगठन' घोषित कर दिया था। रहमान गुल की मौत ऐसे समय हुई है जब अमेरिकी पाबंदियों ने संगठन की फंडिंग और भर्ती पर दबाव बढ़ा दिया है।