जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत

तेज रफ्तार क्रेटा से हुआ हादसा
जालंधर: पंजाब के जालंधर में पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी के बेटे को एक तेज रफ्तार क्रेटा कार ने टक्कर मार दी। यह दुर्घटना शनिवार रात लगभग 10:45 बजे मॉडल टाउन के माता रानी चौक के पास हुई। इस हादसे में मोहिंदर सिंह केपी का 36 वर्षीय बेटा रिच्ची गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
रिच्ची माता रानी चौक के पास अपनी कार में जा रहा था, जब चार गाड़ियों के बीच भीषण टक्कर हुई। इस टक्कर में रिच्ची के सिर पर गंभीर चोटें आईं और गर्दन की हड्डी भी टूट गई। महेंद्र सिंह केपी के रिश्तेदार अमरीक सिंह ने बताया कि यह हादसा तेज रफ्तार क्रेटा के कारण हुआ।
परिवार में शोक का माहौल
हादसे के समय रिच्ची अपने फॉरच्यूनर में सवार थे। अन्य गाड़ियों में बैठे लोग सुरक्षित निकल गए, लेकिन रिच्ची की जान चली गई। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। रिच्ची के दोस्त सेवक सिंह ने कहा कि वह तेज गाड़ी नहीं चलाते थे और एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने वकालत की पढ़ाई की थी और रात में ज्यादा बाहर नहीं रहते थे। रिच्ची की मौत से परिवार में शोक की लहर है।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है
दुर्घटना स्थल के आसपास लगभग 50 फीट के क्षेत्र में गाड़ियों के क्षतिग्रस्त पुर्जे बिखरे हुए थे। रिच्ची के घर पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है, जो संवेदना व्यक्त करने के लिए पहुंच रहे हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है, जिससे हादसे की असल वजह का पता लगाया जा सकेगा।
मोहिंदर सिंह केपी का राजनीतिक करियर
मोहिंदर सिंह केपी पंजाब के प्रमुख दलित नेताओं में से एक रहे हैं। उनका राजनीतिक करियर कई वर्षों से चर्चा में रहा है। 1956 में जन्मे केपी, पंजाब के दोआबा क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दर्शन सिंह केपी जालंधर से पांच बार विधायक रहे, जिनकी 1992 में हत्या कर दी गई थी।
मोहिंदर सिंह केपी का विधायक और सांसद का सफर
मोहिंदर सिंह केपी ने विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की और जालंधर से तीन बार विधायक चुने गए। उन्होंने 1985, 1992 और 2002 में चुनाव जीते। कांग्रेस सरकार में उन्होंने 1992 और 1995 में विभिन्न कैबिनेट पदों का कार्यभार संभाला।
2009 में उन्होंने कांग्रेस से लोकसभा चुनाव जीतकर जालंधर से सांसद बने। हालांकि, 2014 में होशियारपुर से चुनाव हार गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अप्रैल 2024 में केपी ने कांग्रेस छोड़कर शिअद में शामिल हो गए।