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जावेद अख्तर ने तालिबान मंत्री के स्वागत पर जताई नाराजगी

बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता जावेद अख्तर ने तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के उत्तर प्रदेश के देवबंद में भव्य स्वागत पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस स्वागत को देखकर शर्मिंदगी जताई और दारुल उलूम देवबंद पर भी निशाना साधा। जावेद ने सवाल उठाया कि एक ऐसे व्यक्ति को सम्मान क्यों दिया जा रहा है जिसने लड़कियों की शिक्षा को प्रभावित किया है। इस घटना ने मीडिया और सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया है, जिसमें कुछ लोग जावेद के विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों से जोड़ रहे हैं।
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जावेद अख्तर ने तालिबान मंत्री के स्वागत पर जताई नाराजगी

जावेद अख्तर की तीखी प्रतिक्रिया

प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म निर्माता जावेद अख्तर ने उत्तर प्रदेश के देवबंद में तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भव्य स्वागत पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।" जावेद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि तालिबान के प्रतिनिधि को जिस प्रकार का सम्मान और रिसेप्शन दिया गया, वह अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटनाएं दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह के सदस्य को सम्मान देने का संकेत देती हैं।


दारुल उलूम पर जावेद का निशाना

जावेद ने सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि यह संस्था, जो हमेशा आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ खड़ी रही है, अब अपने "इस्लामी हीरो" का भव्य स्वागत कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस व्यक्ति ने लड़कियों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, उसे इतना सम्मान क्यों दिया जा रहा है।


समर्थन और आलोचना का मिला-जुला प्रतिक्रिया

जावेद अख्तर ने अपने पोस्ट में भारतीय भाइयों और बहनों से सवाल किया कि "हमारे साथ क्या हो रहा है?" इस घटना के बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग जावेद के विचारों की सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों से जोड़ रहे हैं।


महिला पत्रकारों पर रोक की चर्चा

तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा कई कारणों से चर्चा में रही। उनकी शिक्षा और महिला अधिकारों के प्रति नीतियों की आलोचना कई देशों में होती रही है। यात्रा के दौरान यह भी खबर आई कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन बाद में यह स्पष्ट किया गया कि ऐसा नहीं किया गया था।