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जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का वैश्विक चुनौतियों पर जोर

दक्षिण अफ्रीका में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन में, पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने देशों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे मिलकर काम करें। पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा की। भारत ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें डिजास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप की स्थापना शामिल है। जानें और क्या कहा पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में।
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जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का वैश्विक चुनौतियों पर जोर

जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का आह्वान


नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए इनसे निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया।


पीएम मोदी ने सम्मेलन में भाग ले रहे देशों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने में सक्रिय भूमिका निभाएं। इस संबंध में उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तृत जानकारी साझा की।


जी20 शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय

पीएम मोदी ने एक्स पर यह लिखा


पीएम मोदी ने एक्स पर कई पोस्ट में बताया कि जोहनिसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन का दूसरा सत्र आपदाओं, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा परिवर्तन की चुनौतियों पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि भारत इन क्षेत्रों में सक्रिय है और एक ऐसा भविष्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है जो मानव-केंद्रित हो।


सहयोग की आवश्यकता

चुननी होगी मजबूत सहयोग की राह


भारत का मानना है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब सभी देश मिलकर काम करें। इसी सोच के तहत, भारत ने जी20 अध्यक्षता के दौरान डिजास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप की स्थापना की।


आपदा प्रबंधन को केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे विकास की दृष्टि से आगे बढ़ाना चाहिए। भारत ने जी20 देशों की स्पेस एजेंसियों के लिए एक ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप बनाने का प्रस्ताव रखा है।


भारत की प्रतिबद्धता

भारत पूरी निष्ठा के साथ खड़ा


भारत स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसी भावना से, भारत ने जी20 क्रिटिकल मिनरल्स सिक्योरिटी इनिशिएटिव का सुझाव दिया है, जो पुनर्चक्रण और संबंधित नवाचारों को बढ़ावा देगा।


जलवायु परिवर्तन का कृषि पर गहरा असर पड़ता है, जिससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है। भारत ने दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा और पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से इन चुनौतियों का सामना करने का प्रयास किया है।