जींद फायरिंग मामला: बहनों पर हमला, पुलिस ने शुरू की जांच

जींद फायरिंग मामला: बहनों पर गोलीबारी का सनसनीखेज मामला
जींद फायरिंग मामला: बहनों पर गोलीबारी, क्या है पूरा मामला?: जींद के पिल्लूखेड़ा गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शुक्रवार शाम को दो सगी बहनों, शीनू और रितु, पर बदमाशों ने गोलियां चलाईं, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गईं।
यह घटना कालवा गांव में हुई, जब दोनों बहनें बाजार से सामान खरीदकर घर लौट रही थीं। घायलों को तुरंत नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें पीजीआई रोहतक (PGI Rohtak) रेफर किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में सर्च अभियान चला रही है।
दिनदहाड़े हुआ हमला जींद फायरिंग मामले में
जींद के पिल्लूखेड़ा खंड के कालवा गांव में यह दिल दहला देने वाली घटना हुई। 26 वर्षीय शीनू और 22 वर्षीय रितु शुक्रवार दोपहर पिल्लूखेड़ा बाजार से सामान खरीदकर अपने घर जा रही थीं।
जैसे ही वे गांव पहुंचीं, उन पर अचानक फायरिंग शुरू हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। हमलावरों ने दोनों बहनों को निशाना बनाया और मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल बहनों को जींद के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पीजीआई रोहतक (PGI Rohtak) रेफर कर दिया।
आरोपी पर शक, पुलिस की कार्रवाई
प्रारंभिक जांच में शीनू के देवर पर इस हमले का शक जताया जा रहा है। पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया गया। जींद पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में नाकाबंदी कर सर्च अभियान शुरू किया है। अभी तक मुख्य आरोपी और उसके साथी फरार हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हर संभव कोण से जांच कर रही है। इस घटना ने गांव में डर का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।
समाज में सुरक्षा पर सवाल
जींद फायरिंग मामले ने एक बार फिर समाज में सुरक्षा के सवाल खड़े किए हैं। दिनदहाड़े हुई इस घटना से स्थानीय लोग सदमे में हैं। दोनों बहनों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, और उनके परिवार वाले पीजीआई रोहतक में उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा। यह घटना न केवल कानूनी कार्रवाई की मांग करती है, बल्कि समाज में जागरूकता और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता को भी उजागर करती है।