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जींद में एडीजीपी आत्महत्या मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग के लिए प्रदर्शन

जींद में एडीजीपी वाई पूरन के आत्महत्या मामले को लेकर सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जातिवाद का पुतला जलाया और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। नेताओं ने दलितों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। यह घटना समाज में जातीय भेदभाव की गंभीरता को उजागर करती है।
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जींद में एडीजीपी आत्महत्या मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग के लिए प्रदर्शन

प्रदर्शन में जातिवाद का पुतला जलाया गया


  • राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग


जींद। सामाजिक संगठनों ने एडीजीपी वाई पूरन के आत्महत्या मामले में शुक्रवार को शहर में प्रदर्शन किया और जातिवाद का पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों ने लघु सचिवालय पहुंचकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की गई।


शुक्रवार को एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकता मंच के आह्वान पर कार्यकर्ता रानी तालाब पर एकत्रित हुए और बाबा साहेब की प्रतिमा के समक्ष रोष सभा का आयोजन किया। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रिषिपाल हैबतपुर ने कहा कि एडीजीपी की आत्महत्या यह दर्शाती है कि दलित अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने यूपी में हाल ही में एक दलित व्यक्ति की हत्या का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में जातीय भेदभाव बढ़ रहा है।


समाज का अपमान

एससी, एसटी, ओबीसी समाज एकता मंच के नेताओं ने कहा कि वर्तमान शासन में सरकारी और निजी संस्थानों में दलितों और पिछड़ों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह केवल एक वर्ग का अपमान नहीं है, बल्कि पूरे समाज का अपमान है। इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। डा. वजीर चौहान, सुभाष भौंसला, रविंद्र शास्त्री, संदीप जाजवान, कपूर सिंह ने भाजपा सरकार और मौजूदा सामाजिक परिस्थितियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।


प्रताड़ना का मामला

इसके बाद प्रदर्शनकारी जुलूस की शक्ल में लघु सचिवालय पहुंचे। ज्ञापन में मांग की गई कि जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उन्हें तुरंत पदों से हटा कर गिरफ्तार किया जाए। वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था, और उनकी पदोन्नति में भी देरी की गई थी।


जातिगत भेदभाव के चलते उनके साथ अन्याय किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी आजाद भारत में जाति के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। इसके साथ ही सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।