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जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल से टीकाकरण पोर्टल प्रभावित

जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल के चलते टीकाकरण का यूवीन पोर्टल ठप हो गया है। 25 अक्टूबर से शुरू हुई इस हड़ताल के कारण गर्भवती महिलाओं और नवजातों को आवश्यक सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। एसोसिएशन ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की है। जानें इस हड़ताल के पीछे की वजह और इसके प्रभावों के बारे में।
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जींद में एमपीएचडब्ल्यू की हड़ताल से टीकाकरण पोर्टल प्रभावित

सरकार से मांगें पूरी करने की अपील


  • सरकार से मांगें पूरी करने की अपील : शर्मिला देवी


जींद। एमपीएचडब्ल्यू ने 25 अक्टूबर से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करते हुए हड़ताल की है, जिसके कारण मंगलवार को आयोजित टीकाकरण कैंप में यूवीन पोर्टल काम नहीं कर सका। गर्भवती महिलाओं और नवजातों को आवश्यक संदेश और डिजिटल प्रमाण पत्र नहीं मिल पाए। एसोसिएशन की राज्य अध्यक्ष शर्मिला, वित्त सचिव धर्मवीर और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील ने कहा कि आम जनता को हो रही परेशानी के लिए वे खेद व्यक्त करते हैं। उनका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि सरकार से उनकी उचित मांगों पर ध्यान देने की अपील करना है।


हड़ताल का उद्देश्य

राज्य प्रवक्ता संदीप कुंडू ने बताया कि ऑनलाइन एंट्री न होने के कारण गर्भवती महिलाओं को आरसीएच नंबर, गैर संक्रामक रोगों का डाटा, टीबी मरीजों का पोषण भत्ता, दवा वितरण रिकॉर्ड, आशा वर्कर पेमेंट, डिजीज सर्वेलेंस और निरोगी हरियाणा जैसे कई निगरानी पोर्टल ठप हो गए हैं।


एमपीएचडब्ल्यू वर्ग की डिजिटल हड़ताल का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन कार्यों के लिए नियुक्त कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण सभी कार्यों का बोझ एमपीएचडब्ल्यू वर्ग पर डाल दिया गया है।


प्रदेशभर में स्वास्थ्य पोर्टलों का बहिष्कार

महासचिव सहदेव आर्य ने कहा कि जब तक सरकार पहले से नियुक्त कर्मचारियों की जवाबदेही तय नहीं करती और अतिरिक्त ऑनलाइन कार्यों के लिए मानव संसाधन ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं करती, तब तक प्रदेशभर में ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों का बहिष्कार जारी रहेगा। इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी सरकार और विभाग की होगी।


उन्होंने यह भी बताया कि 6 नवंबर को एनएचएम में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू की ग्रेड पे, वर्दी भत्ता, एमसीएच अलाउंस, रिटायरमेंट बेनिफिट सहित कई मांगों के लिए सभी सिविल सर्जन कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा और मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।