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जींद में एमपीएचडब्ल्यू वर्ग ने ऑनलाइन कार्यों का किया बहिष्कार

जींद में एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन कार्यों के लिए संसाधनों की कमी के विरोध में बहिष्कार का निर्णय लिया है। कर्मचारियों ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की है, अन्यथा 25 अक्टूबर से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जाएंगे और आगामी योजनाएं क्या हैं।
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जींद में एमपीएचडब्ल्यू वर्ग ने ऑनलाइन कार्यों का किया बहिष्कार

कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी


जींद में, एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन ने शनिवार को ब्लॉक प्रधान सुनील की अगुवाई में कालवा एसएमओ डॉ. अरुण कुमार से मुलाकात की और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। ब्लॉक प्रधान सुनील मलार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी कार्यक्रमों को ऑनलाइन करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए आवश्यक संसाधनों और इंटरनेट की उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिसके कारण कर्मचारियों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है। सभी ने इस निर्णय का विरोध किया है।


सरकार को पहले भेजे गए मांगपत्र में ऑनलाइन कार्यों के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में भिवानी, फरीदाबाद और यमुनानगर जिलों में सिविल सर्जन को सूचित कर ऑनलाइन कार्यों को रोक दिया गया है। यदि सरकार इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती है, तो 25 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा। इस स्थिति के लिए सरकार और विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।


विरोध प्रस्ताव पारित

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू की मांगों पर ध्यान न देने के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। यदि मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो 6 नवंबर को प्रदेशभर में सिविल सर्जन कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।


साथ ही, सरकार से एमपीएचडब्ल्यू वर्ग की लंबित मांगों, जैसे प्रमोशनल पे स्केल जारी करने, पदनाम बदलने, पदोन्नति और कंफर्मेशन सूचियों को जारी करने की अपील की गई। इस अवसर पर चेयरमैन बिजेंद्र, सुमित्रा देवी, संदीप कुंडू, अनिल राठी और अन्य कर्मचारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।