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जींद में ऐतिहासिक किलों के जिर्णोद्धार का शिलान्यास

जींद में किलाजफरगढ़ और सफीदों किलों के जिर्णोद्धार का शिलान्यास किया गया है। इस परियोजना के तहत लगभग 12 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जानें इस ऐतिहासिक कार्य के बारे में और कैसे यह किले आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किए जाएंगे।
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जींद में ऐतिहासिक किलों के जिर्णोद्धार का शिलान्यास

किलों के जिर्णोद्धार का शुभारंभ


  • सेवा पखवाड़े के अंतर्गत जिला स्तर पर शिलान्यास कार्य का आरंभ
  • दोनों किलों के सौंदर्यकरण पर लगभग 12 करोड़ 31 लाख रुपये का खर्च होगा


जींद। सेवा पखवाड़े के अवसर पर किलाजफरगढ़ और सफीदों किले के जिर्णोद्धार का कार्य गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से विरासत एवं पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा द्वारा नारनौल में आयोजित कार्यक्रम में आरंभ किया गया। जिला स्तर पर डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने इन ऐतिहासिक किलों के जिर्णोद्धार और सौंदर्यकरण का विधिवत शिलान्यास किया।


डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि राज्य सरकार ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सेवा पखवाड़े के तहत पर्यटन विभाग द्वारा इन दो ऐतिहासिक स्थलों का जिर्णोद्धार और सौंदर्यकरण किया जाएगा।


किलों के सौंदर्यकरण पर खर्च

किलाजफरगढ़ किले के लिए लगभग 5 करोड़ 53 लाख रुपये और सफीदों किले के लिए करीब 6 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश की सभी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जाए ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ अपने गौरवशाली इतिहास से अवगत हो सकें। इन धरोहरों का जिर्णोद्धार कर उन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।


पारंपरिक तकनीकों का उपयोग

दीवारों की मरम्मत के लिए चूना आधारित मोर्टार और स्थिरीकरण तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। क्षतिग्रस्त चूने के प्लास्टर को हटाकर पारंपरिक तरीकों से पुनः लगाया जाएगा। इसके अलावा, फर्श की मरम्मत भी की जाएगी ताकि वह मूल सामग्री के अनुरूप हो सके।


इन दोनों धरोहरों में आवश्यक सुविधाएं जैसे शौचालय, बेंच, छायादार क्षेत्र और सुरक्षा के लिए ग्रिल के साथ चारों ओर दीवार का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर एचएसआरडी के कार्यकारी अभियंता शशांक और प्रवीण परूथी भी उपस्थित थे।