जींद में खेल नर्सरियों में बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली की शुरुआत

खिलाड़ियों की हाजिरी अब बायोमीट्रिक से होगी
- ऑनलाइन हाजिरी के बिना खुराक भत्ता नहीं मिलेगा
- रजिस्टर में भरी गई हाजिरी अब मान्य नहीं होगी
जींद। खेल नर्सरियों में खिलाड़ियों के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू की गई है। अब खिलाड़ियों की हाजिरी केवल ऑनलाइन दर्ज की जाएगी, अन्यथा उन्हें खुराक भत्ता नहीं मिलेगा। खेल विभाग के निर्देशों के अनुसार, सभी नर्सरियों में बायोमीट्रिक मशीनें स्थापित की जा रही हैं। यह प्रणाली 15 अगस्त से प्रभावी हो गई है।
राज्य में लगभग दो हजार खेल नर्सरियां कार्यरत हैं, जिनमें से 500 सरकारी और 1500 निजी हैं। 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये और 15 से 19 वर्ष के खिलाड़ियों को तीन हजार रुपये मासिक डाइट भत्ता मिलता है। खेल मंत्री गौरव गौतम को नर्सरियों में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली थीं।
बायोमीट्रिक प्रणाली से पारदर्शिता में वृद्धि
अधिकतर शिकायतें इस बात को लेकर थीं कि नर्सरियों में खिलाड़ियों की संख्या सही नहीं दर्शाई जा रही थी। कई कोचों के समय पर न आने की भी शिकायतें थीं। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, खेल विभाग ने बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।
इस प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्यप्रणाली पर सख्त निगरानी रखी जा सकेगी। यदि हाजिरी अपडेट करने में कोई देरी होती है, तो संबंधित व्यक्ति जिम्मेदार होगा। खिलाड़ियों को हाजिरी के आधार पर ही डाइट राशि मिलेगी, और उन्हें महीने में 22 बार हाजिरी लगानी आवश्यक है।
जींद में चल रही खेल नर्सरियां
जींद जिले में इस सत्र में सरकारी स्कूलों और ग्राम पंचायतों में 60 खेल नर्सरियां संचालित हैं। यहां कुश्ती, कबड्डी, हैंडबाल, वेट लिफ्टिंग, वॉलीबॉल, हॉकी, स्वीमिंग, फुटबॉल, बॉक्सिंग, आर्चरी, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स, वुशू, और नेटबॉल की प्रैक्टिस कराई जा रही है।
जिला खेल अधिकारी रामपाल हुड्डा ने बताया कि खेल विभाग के निर्देशों के बाद नर्सरियों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।