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जींद में ग्रुप डी मेडिकल के लिए उमड़ी अभ्यार्थियों की भीड़

जींद के नागरिक अस्पताल में ग्रुप डी के चयनित अभ्यार्थियों की भारी भीड़ ने मेडिकल प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बना दिया। अस्पताल में धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी का माहौल रहा, जिसके चलते स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रियता दिखानी पड़ी। इस दौरान 150 से अधिक अभ्यार्थियों के मेडिकल परीक्षण किए गए और उन्हें प्रमाण पत्र जारी किए गए। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
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जींद में ग्रुप डी मेडिकल के लिए उमड़ी अभ्यार्थियों की भीड़

मेडिकल प्रक्रिया में अफरा-तफरी का माहौल


  • पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों ने स्थिति को संभाला,
  • अस्पताल में पूरे दिन अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।


(जींद) : नागरिक अस्पताल में शुक्रवार को ग्रुप डी के चयनित अभ्यार्थियों की भारी भीड़ ने मेडिकल परीक्षण के लिए पहुंचकर स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया। अस्पताल के एक्स-रे और ईसीजी कक्ष के बाहर अभ्यार्थियों के बीच धक्का-मुक्की होती रही। इसके बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन और डिप्टी एमएस के कक्षों के बाहर भी लंबी कतारें देखने को मिलीं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रियता दिखाई और मेडिकल प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए।


चिकित्सकों ने अभ्यार्थियों का शारीरिक परीक्षण किया और उन्हें मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्रदान किए। मेडिकल बोर्ड ने अभ्यार्थियों का परीक्षण किया, जिसमें सिविल सर्जन डा. सुमन कोहली और डिप्टी सीएमओ डा. रमेश पांचाल ने व्यवस्था को सुनिश्चित किया। सभी चयनित अभ्यार्थियों की जल्दी थी कि उनका मेडिकल परीक्षण जल्द से जल्द हो। इस प्रक्रिया में रिश्तेदारी का भी सहारा लिया गया।


जिन अभ्यार्थियों की रिश्तेदारी निकली, उनका मेडिकल परीक्षण जल्दी हुआ, जबकि अन्य को थोड़ी देरी का सामना करना पड़ा। नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि मेडिकल प्रक्रिया में कई चरण होते हैं। पहले ओपीडी के स्लिप कटवाने होते हैं, फिर फिजिशियन द्वारा रक्त और यूरिन जांच के लिए निर्देश दिए जाते हैं।


150 से अधिक अभ्यार्थियों के मेडिकल प्रमाण पत्र जारी


सैंपल देने के बाद अभ्यार्थियों को ईएनटी, नेत्र चिकित्सक और सर्जन से मेडिकल जांच करानी होती है। सैंपल रिपोर्ट के बाद फिजिशियन रिपोर्ट तैयार करता है। सभी चिकित्सकों के हस्ताक्षर के बाद डिप्टी एमएस और सीएमओ द्वारा अंतिम हस्ताक्षर किए जाते हैं। रिकार्ड दर्ज करने के बाद मेडिकल की प्रति आवेदक को दी जाती है। अब तक 150 से अधिक अभ्यार्थियों के मेडिकल प्रक्रिया पूरी कर प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। चिकित्सकों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है।