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जींद में चिकित्सकों का विरोध: काले बिल्ले लगाकर जताया रोष

जींद में चिकित्सकों ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती के निर्णय के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर विरोध किया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने पहले आश्वासन मिलने के बावजूद इस निर्णय को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। चिकित्सकों का कहना है कि इससे उनकी पदोन्नति रुक जाएगी, जिससे उनका मनोबल गिर सकता है। वे सीएमओ को ज्ञापन सौंपने की योजना बना रहे हैं और चेतावनी दी है कि यदि मुख्यालय ने इस प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई, तो वे ठोस कदम उठाने को मजबूर होंगे।
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जींद में चिकित्सकों का विरोध: काले बिल्ले लगाकर जताया रोष

चिकित्सकों का रोष


  • वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती पर चिकित्सकों का विरोध


जींद। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने मंगलवार को वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती के निर्णय के खिलाफ रोष व्यक्त किया। चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर काम किया, क्योंकि उन्हें पहले आश्वासन दिया गया था कि एसएमओ की सीधी भर्ती नहीं होगी, बल्कि विभागीय पदोन्नति के आधार पर नियुक्ति होगी। अब निदेशालय ने सीधी भर्ती का निर्णय लिया है, जिससे चिकित्सकों में असंतोष है।


ज्ञापन सौंपने की योजना

नागरिक अस्पताल में एसोसिएशन की बैठक जिला प्रधान डॉ. बिजेंद्र ढांडा की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि यदि एसएमओ की सीधी भर्ती की जाती है, तो वर्तमान चिकित्सकों की पदोन्नति रुक जाएगी, जिससे उनका मनोबल गिर सकता है। सभी चिकित्सकों ने मंगलवार को काले बिल्ले लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया है। बुधवार को सीएमओ को ज्ञापन सौंपा जाएगा।


ठोस कदम उठाने की चेतावनी

डॉ. बिजेंद्र ढांडा ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यालय ने एसएमओ की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई, तो वे ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग ने पहले भी इस तरह का निर्णय लिया था, लेकिन विरोध के बाद उसे वापस ले लिया गया था।


निर्णय का औचित्य

उन्होंने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जब एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाई थी, तो अब इसे लागू करने का कोई औचित्य नहीं है। एसीपी में वृद्धि का मामला अभी भी अधूरा है।


पदोन्नति नीति का सम्मान

सचिव डॉ. राजेश भोला ने कहा कि विभाग को अपने पूर्व आश्वासन का सम्मान करते हुए पदोन्नति नीति के तहत ही एसएमओ की नियुक्ति करनी चाहिए। यदि एसएमओ के पद खाली हैं, तो उन्हें चिकित्सकों की पदोन्नति करके भरा जाए।