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जींद में पुलिस थाने में दो भाइयों की पिटाई का मामला, ASI निलंबित

हरियाणा के जींद जिले में दो भाइयों को पुलिस थाने में बिना किसी कारण के पीटा गया। ASI मनजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब दोनों भाई एक मामूली वाहन टक्कर के बाद थाने ले जाए गए। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने जनता में विश्वास जगाया, लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। जानें इस घटना के बारे में और क्या हुआ जब भाइयों ने मेडिकल रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की।
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जींद में पुलिस थाने में दो भाइयों की पिटाई का मामला, ASI निलंबित

पुलिस की बर्बरता का मामला

जींद समाचार: बिना किसी कारण के दो भाइयों की पुलिस थाने में पिटाई, ASI निलंबित: हरियाणा के जींद जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग आम जनता पर भारी पड़ता दिखा।


सफीदों के पाजू कलां गांव के निवासी सुमित और हिमांशु, जो पिकअप (छोटा हाथी) चलाते हैं, को एक मामूली वाहन टक्कर के बाद ASI ने थाने ले जाकर कपड़े उतरवाए, पीटा और अपमानित किया।


यह घटना सोमवार रात की है, जब दोनों भाई पानीपत से सफीदों लौट रहे थे। रास्ते में BRSK स्कूल के पास उनकी गाड़ी ASI मनजीत सिंह की निजी स्विफ्ट डिजायर से हल्की टकरा गई, जिससे कार की हेडलाइट टूट गई। इसके बाद ASI और चार अन्य युवक उतरकर दोनों भाइयों को बुरी तरह पीटने लगे। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ, उन्हें थाने ले जाकर फिर से कपड़े उतरवाकर नंगा बैठाया गया और मारपीट की गई।


एसपी ने लिया मामला संज्ञान में, आरोपी ASI को निलंबित किया


मारपीट के बाद दोनों भाइयों ने एसपी कुलदीप सिंह और DSP गौरव के सामने अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पीड़ितों ने बताया कि उनके फोन को तोड़ दिया गया और पिकअप के शीशे भी चकनाचूर कर दिए गए।


जब यह मामला सामने आया, तो एसपी कुलदीप सिंह ने तुरंत ASI मनजीत सिंह को निलंबित कर दिया। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई ने जनता में विश्वास जगाया, लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।


मेडिकल रिपोर्ट में भी आई बाधा


(ASI Misconduct Jind) मामले में एक और चिंता की बात यह रही कि जब सुमित और हिमांशु सिविल अस्पताल पहुंचे, तो वहां के स्टाफ ने शुरू में उनकी मेडिकल रिपोर्ट (MLR) दर्ज करने से इनकार कर दिया। अगले दिन गांव के सरपंच की मदद से ही रिपोर्ट दर्ज हो सकी। थाने में मौजूद कर्मी ने आरोप लगाया कि उन्हें गाड़ी ठीक कराने और वॉलपेपर लगवाने जैसे दबाव में रिहा किया गया।