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जींद में मिड डे मील वर्कर्स ने बकाया मानदेय की मांग को लेकर धरना दिया

जींद में मिड डे मील वर्कर्स ने पिछले चार महीनों से रुके मानदेय की मांग को लेकर धरना दिया। यूनियन ने सरकार से जल्द से जल्द मानदेय जारी करने की अपील की है। इसके अलावा, उन्होंने न्यूनतम वेतन बढ़ाने और अन्य सुविधाओं की मांग की है। 9 जुलाई को पूरे हरियाणा में प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। जानें इस आंदोलन के पीछे की पूरी कहानी और वर्कर्स की अन्य मांगें।
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जींद में मिड डे मील वर्कर्स ने बकाया मानदेय की मांग को लेकर धरना दिया

मिड डे मील वर्कर्स की समस्याएं


(जींद) : मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने शुक्रवार को जिला सचिव सुनीता और उपाध्यक्ष पिंकी के नेतृत्व में धरना दिया। यह धरना पिछले चार महीनों से मानदेय न मिलने के कारण आयोजित किया गया था। यूनियन के नेताओं ने बताया कि फरवरी के बाद से जींद के मिड डे मिल वर्कर्स को कोई मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनके लिए अपने परिवार का गुजारा करना कठिन हो गया है। इनमें से अधिकांश महिलाएं गरीब तबकों से हैं और कई विधवा हैं।


उन्होंने सरकार से मांग की कि मिड डे मिल वर्कर्स का रुका हुआ मानदेय जल्द से जल्द जारी किया जाए। यूनियन ने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा के बजट में कटौती कर रही है, जबकि भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों के पास महिलाओं की समस्याओं को सुनने का समय नहीं है।


हरियाणा में मिड डे मिल वर्कर्स का प्रदर्शन

नौ जुलाई को statewide प्रदर्शन की योजना


12 अप्रैल को पानीपत, सोनीपत और करनाल की मिड डे मिल वर्कर्स ने शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। लेकिन जब उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो उन्होंने 9 जुलाई को पूरे हरियाणा में हड़ताल करने का निर्णय लिया। इस दिन वे अपने जिलों में उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे।


यूनियन ने कहा कि मिड डे मिल वर्कर्स लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने मांग की कि वर्कर्स का बकाया मानदेय तुरंत जारी किया जाए और उन्हें अन्य सरकारी स्कूलों में समायोजित किया जाए।


इसके अलावा, वर्कर्स का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने, 12 महीने का वेतन देने, और रिटायरमेंट पर दो लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की गई।


अन्य मांगें

यूनियन ने यह भी कहा कि स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को बंद किया जाए, वर्कर्स को महीने में दो अवकाश दिए जाएं, और मेडिकल सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाएं। इसके साथ ही, 12वीं कक्षा तक के बच्चों को मिड डे मील योजना में शामिल करने की मांग भी की गई।


इस धरने में पिंकी, मुकेश, अनीता, नीलम, रानी, सुनीता, बाला, कविता आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।