जींद में विष्णु महायज्ञ का समापन, श्रद्धालुओं ने अर्पित की पूर्णाहुति
पुण्य की शक्ति पर आचार्य पवन शर्मा का संदेश
- पुण्य की एक बूंद ही काफी है पापों के सागर को सोख लेने के लिए : आचार्य पवन शर्मा
जींद। आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि जैसे गंगा की एक बूंद समुद्र के खारे पानी को पवित्र कर सकती है, वैसे ही पुण्य की एक बूंद भी पापों के सागर को समाप्त कर सकती है। यह वक्तव्य उन्होंने माता वैष्णवी धाम में आयोजित कार्तिक महोत्सव के समापन पर विष्णु महायज्ञ की पूर्णाहुति के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दिया।
भगवान के समक्ष मंत्रों की संख्या नहीं, बल्कि श्रद्धा महत्वपूर्ण है
समाजसेवी सुनीता शर्मा और अनुराधा भोला ने मिलकर महायज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित की। आचार्य ने कहा कि भगवान के समक्ष कई मंत्रों का जाप करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक स्वच्छ अंतःकरण और श्रद्धापूर्ण हृदय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु भजन के लिए सही समय की प्रतीक्षा न करें, हर क्षण उनके स्मरण के लिए उपयुक्त है।
आचार्य ने संसार की उपमा सागर से देते हुए कहा कि जीवन में असुविधाएं आती रहेंगी, लेकिन हमें अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, और वह लक्ष्य है प्रभु की प्राप्ति। यही जीवन जीने की सबसे अच्छी कला है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण नृत्य और गायन के माध्यम से अपने ठाकुर को प्रसन्न किया।
इस कार्यक्रम में सीमा कोचर, संतोष शर्मा, कैलाश गोयल, लक्ष्मी लखीना, सुमन आहुजा, कैलाश पाहवा, ममता पसरीजा, लीलावंती चौपड़ा, आरती पसरीजा, मंजू चौपड़ा, मीनू मदान, हर्षा छाबड़ा सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
