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जींद में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण, काले बिल्ले पहनकर जताया विरोध

जींद में स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी लंबित मांगों के समाधान के लिए काले बिल्ले पहनकर टीकाकरण किया। बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया है, क्योंकि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि ऑनलाइन कार्यों का नाजायज भार उन पर डाला जा रहा है, जिसके चलते उन्होंने काम बंद कर दिया है। आंदोलन के तहत, वे जनवरी तक हर बुधवार को काले बिल्ले पहनकर टीकाकरण करेंगे।
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जींद में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण, काले बिल्ले पहनकर जताया विरोध

स्वास्थ्यकर्मियों का आंदोलन


  • एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन


जींद। बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन हरियाणा के आह्वान पर, लंबित मांगों के समाधान न होने के कारण, बुधवार को एमपीएचडब्ल्यू वर्ग के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर टीकाकरण किया। स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि बार-बार पत्राचार और ज्ञापन के बावजूद सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे उनमें रोष उत्पन्न हो रहा है।


एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला, महासचिव सहदेव आर्य, और उप प्रधान सुदेश रानी ने कहा कि जनवरी तक हर बुधवार को काले बिल्ले पहनकर टीकाकरण किया जाएगा और सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ विरोध जारी रहेगा। राज्य प्रेस सचिव संदीप कुंडू ने बताया कि ऑनलाइन कार्यों का नाजायज भार एमपीएचडब्ल्यू वर्ग पर डालने से कर्मचारियों में मानसिक तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते उन्होंने 25 अक्टूबर से ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों पर काम बंद कर दिया है।


कुल ग्यारह पोर्टल ठप

इस स्थिति के कारण अनमोल, एनसीडी, डिजीज सर्वेलेंस, निरोगी हरियाणा, आयुष्मान भारत, एनीमिया मुक्त भारत, सुरक्षित नारी, सुरक्षित परिवार, यूवीन वैक्सीनेशन सहित कुल ग्यारह पोर्टल ठप पड़े हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न ऑनलाइन कार्यक्रमों के लिए पहले से नियुक्त कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने, मानव और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराने, एमपीएचडब्ल्यू वर्ग के पदनाम संशोधित करने, पदोन्नति और कंफर्मेशन सूचियां जारी करने, प्रमोशनल स्केल जारी करने, और अन्य कई मांगें लंबित हैं।


इन मांगों को लेकर बार-बार पत्राचार और ज्ञापन भेजने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, संघर्ष जारी रहेगा और इस दौरान आम जनता को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी सरकार की होगी।