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जीरकपुर-पंचकूला बाईपास परियोजना को मिली मंजूरी, 6 लेन एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण

हरियाणा और पंजाब के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि जीरकपुर-पंचकूला बाईपास परियोजना को मंजूरी मिल गई है। इस 19.2 किलोमीटर लंबे छह लेन के एक्सप्रेसवे का निर्माण 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से होगा। यह बाईपास शहरों को बायपास करते हुए वाहनों को तेजी से उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करेगा। इसके निर्माण से ट्रैफिक में कमी, दुर्घटनाओं में कमी, और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई लाभ होंगे। जानें इस परियोजना के महत्व और निर्माण कार्य की शुरुआत के बारे में।
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जीरकपुर-पंचकूला बाईपास परियोजना को मिली मंजूरी, 6 लेन एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण

जीरकपुर-पंचकूला बाईपास परियोजना की जानकारी

हरियाणा और पंजाब के निवासियों को जल्द ही ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने जीरकपुर-पंचकूला बाईपास के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर 1878.31 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें 19.2 किलोमीटर लंबा और छह लेन वाला एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा।


बाईपास का मार्ग और उद्देश्य

यह बाईपास जीरकपुर और पंचकूला के बीच बनेगा और चंडीमंदिर के पास से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ेगा। इसका मुख्य उद्देश्य शहरों को बायपास करते हुए वाहनों को तेजी से उनके गंतव्य तक पहुंचाना है।


ट्रैफिक में कमी और अन्य लाभ

इस बाईपास के निर्माण से कई भीड़भाड़ वाले क्षेत्र जैसे जीरकपुर, बलटाना, ढकौली, हाउसिंग बोर्ड चौक और कालका चौक ट्रैफिक से मुक्त हो जाएंगे। इसके अलावा, यह न केवल ट्रैफिक दबाव को कम करेगा, बल्कि दुर्घटनाओं में कमी, ईंधन की बचत और पर्यावरण संरक्षण जैसे लाभ भी प्रदान करेगा।


परियोजना का महत्व

इस परियोजना का एक बड़ा लाभ यह है कि पटियाला, दिल्ली या मोहाली एयरपोर्ट से आने वाले वाहन बिना शहर में प्रवेश किए सीधे हिमाचल प्रदेश की ओर जा सकेंगे। यह विशेष रूप से पर्यटकों और भारी वाहनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।


निर्माण कार्य की शुरुआत

NHAI ने इस परियोजना के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जो 20 अगस्त 2025 को खोला जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने की संभावना है।