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जीरकपुर बाईपास: हरियाणा और पंजाब में यातायात को सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम

हरियाणा और पंजाब के लिए एक महत्वपूर्ण विकास के तहत जीरकपुर में 19.2 किलोमीटर लंबा बाईपास बनने जा रहा है। यह प्रोजेक्ट यातायात की समस्याओं को हल करने और यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है, जिसमें बताया गया है कि यह बाईपास चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली जैसे शहरों में ट्रैफिक को कम करेगा। जानें इस प्रोजेक्ट के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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जीरकपुर बाईपास: हरियाणा और पंजाब में यातायात को सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम

हरियाणा और पंजाब के लिए खुशखबरी

जीरकपुर बाईपास: हरियाणा और पंजाब में यातायात को सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम: हरियाणा और पंजाब के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार आया है। जीरकपुर में प्रस्तावित 19.2 किलोमीटर लंबा बाईपास क्षेत्र की यातायात समस्याओं को हल करने और यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाने में सहायक होगा।


केंद्रीय मंत्री की घोषणा

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक कैबिनेट बैठक में इस मेगा प्रोजेक्ट की जानकारी दी। 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह छह लेन का हाईवे चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली जैसे शहरों में ट्रैफिक के दबाव को कम करेगा और हिमाचल प्रदेश के साथ बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।


हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल

यह बाईपास हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा, जिसमें सरकार प्रोजेक्ट की लागत का 40% हिस्सा पहले ही डेवलपर को देगी, जबकि शेष 60% डेवलपर को स्वयं निवेश करना होगा। यह मॉडल प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने में मदद करता है, क्योंकि डेवलपर को वित्तीय मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ता।


बाईपास का मार्ग

इस बाईपास का मार्ग एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगा। यह परियोजना पटियाला, दिल्ली और मोहाली एयरोसिटी से आने-जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट करने में मदद करेगी।


जीरकपुर की ट्रैफिक समस्या

जीरकपुर, जो पंजाब के मोहाली जिले में चंडीगढ़ के निकट स्थित है, एक व्यस्त क्षेत्र है। यहां अक्सर भारी ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है। इस बाईपास के निर्माण से न केवल स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि एनएच-7, एनएच-5 और एनएच-152 जैसे व्यस्त राजमार्गों पर भीड़भाड़ में कमी आएगी।


आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी

इस परियोजना को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद इसे शीघ्र प्रारंभ करने की योजना है। यह बाईपास यात्रा के समय को कम करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


पर्यावरण के लिए फायदेमंद

यह परियोजना न केवल यातायात की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होगी। कम ट्रैफिक जाम से ईंधन की खपत और प्रदूषण में कमी आएगी। स्थानीय लोग और व्यापारी इस प्रोजेक्ट से उत्साहित हैं, क्योंकि यह क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और रोजमर्रा की यात्रा को सरल करेगा।