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जुबीन गर्ग की आकस्मिक मृत्यु से पूर्वोत्तर में शोक की लहर

असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग की आकस्मिक मृत्यु ने पूर्वोत्तर भारत में शोक की लहर पैदा कर दी है। 52 वर्षीय गायक की सिंगापुर में हुई एक दुखद घटना ने प्रशंसकों को स्तब्ध कर दिया है। उनके प्रबंधक की गिरफ्तारी की मांग के साथ गुवाहाटी में भारी भीड़ इकट्ठा हुई है। इस घटना के कारणों की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और जुबीन गर्ग के संगीत सफर के बारे में।
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जुबीन गर्ग की आकस्मिक मृत्यु से पूर्वोत्तर में शोक की लहर

जुबीन गर्ग का निधन

जुबीन गर्ग का निधन: असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की अचानक मृत्यु ने पूर्वोत्तर भारत में शोक की लहर पैदा कर दी है। 52 वर्षीय इस मशहूर गायक की सिंगापुर में हुई एक दुखद घटना ने न केवल उनके प्रशंसकों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। गुरुवार को गुवाहाटी में उनके प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा के घर के बाहर सैकड़ों नाराज प्रशंसक इकट्ठा हो गए और उन्होंने शर्मा की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की, जो इस घटना के बाद से लापता हैं।


जुबीन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर के नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (एनईआईएफ) में प्रदर्शन करने गए थे। आयोजकों के अनुसार, एक यॉट यात्रा के दौरान स्कूबा डाइविंग करते समय उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई। सिंगापुर पुलिस ने उन्हें समुद्र से निकाला और जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन आईसीयू में उनकी हालत बिगड़ गई। सिंगापुर सरकार द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में 'डूबने' को मृत्यु का कारण बताया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पुष्टि की कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यही कारण सामने आया है, लेकिन जनता की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का निर्णय लिया।



इस घटना ने व्यापक जन आक्रोश को जन्म दिया है। प्रशंसकों का आरोप है कि आयोजन में लापरवाही के कारण जुबीन की जान गई। इसी गुस्से में एनईआईएफ के मुख्य आयोजक श्यामकानु मेहता के गुवाहाटी स्थित घर के बाहर भी भारी भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शनकारियों ने मेहता पर गंभीर सवाल उठाए, जिनके इवेंट में जुबीन को आमंत्रित किया गया था। असम सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मेहता और उनकी सभी संबंधित संस्थाओं पर राज्य में किसी भी सांस्कृतिक या सार्वजनिक आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही, उनके कार्यक्रमों के लिए राज्य स्तर पर वित्तीय सहायता, विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप वापस ले ली गई। केंद्र सरकार से भी इसी तरह की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।


मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि घटना की गहन जांच के लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। सीआईडी के विशेष डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में यह टीम हर पहलू की जांच करेगी। इसमें सिंगापुर यात्रा के दौरान जुबीन के साथ मौजूद लोगों, जैसे सिंगापुर में असम एसोसिएशन के सदस्य और एनईआईएफ आयोजक, सभी से पूछताछ की जाएगी। टीम यह भी देखेगी कि यॉट बुकिंग और सुरक्षा इंतजामों में कोई चूक तो नहीं हुई।



जुबीन गर्ग, जिन्हें 'असम की आवाज' कहा जाता है, ने तीन दशकों में असमिया संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2006 में बॉलीवुड फिल्म 'गंगाजल' के सुपरहिट गाने 'या अली' ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। वे गायक, गीतकार, अभिनेता और फिल्म निर्माता के रूप में प्रसिद्ध थे। उनकी मृत्यु पर पूरे असम में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। उनका अंतिम संस्कार राज्य सम्मान के साथ किया गया, लेकिन सवालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रशंसकों का कहना है कि सच्चाई सामने आने तक वे चुप नहीं रहेंगे।