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जेएनयू छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट पार्टियों की शानदार जीत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट पार्टियों ने सभी प्रमुख पदों पर विजय प्राप्त की है। अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की, जबकि एबीवीपी को कोई सीट नहीं मिली। पिछले वर्ष एबीवीपी की वापसी के बावजूद, इस बार वामपंथ का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया। जानें इस चुनाव के परिणाम और एबीवीपी की स्थिति के बारे में।
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जेएनयू छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट पार्टियों की शानदार जीत

लेफ्ट पार्टियों की जीत


नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में वामपंथी दलों ने शानदार प्रदर्शन किया है। लेफ्ट पार्टियों ने अध्यक्ष सहित सभी महत्वपूर्ण पदों पर विजय प्राप्त की है, जबकि एबीवीपी को कोई भी सीट नहीं मिली। अध्यक्ष पद पर लेफ्ट की अदिति मिश्रा ने जीत का परचम लहराया है।


अध्यक्ष पद पर अदिति मिश्रा ने एबीवीपी के विकास पटेल को हराया। उपाध्यक्ष पद पर लेफ्ट की के. गोपिका ने एबीवीपी की तान्या कुमारी को पराजित किया। महासचिव पद पर लेफ्ट के सुनील यादव ने एबीवीपी के राजेश्वर कांत दुबे को शिकस्त दी। इसके अलावा, संयुक्त सचिव पद पर लेफ्ट के दानिश अली ने अनुज दमारा को हराया।


अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद जीता, जबकि अन्य विजेताओं में के गोपिका (उपाध्यक्ष), सुनील यादव (महासचिव), और दानिश अली (संयुक्त सचिव) शामिल हैं। वोटों की गिनती के दौरान लेफ्ट दल का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया। अदिति शर्मा ने अध्यक्ष पद पर लगातार बढ़त बनाए रखी।


एबीवीपी को झटका

एबीवीपी को झटका


पिछले वर्ष एबीवीपी ने एक दशक बाद जेएनयू छात्रसंघ के सेंट्रल पैनल में संयुक्त सचिव का पद जीतकर वापसी की थी। 2015 में एबीवीपी ने आखिरी बार यह पद जीता था, जिसके बाद वामपंथी संगठनों ने सभी प्रमुख पदों पर कब्जा बनाए रखा और हर बार क्लीन स्वीप किया।


पिछली जीत का प्रभाव

पिछली बार एक पद पर ABVP मिली थी जीत


पिछले साल एबीवीपी की जीत को उसके लिए एक बड़ा मनोबल माना गया था। लेकिन ताज़ा रुझान बताते हैं कि जेएनयू में वामपंथ का मजबूत आधार अभी भी कायम है। इस बार फिर सेंट्रल पैनल पर वामपंथी गठजोड़ ने स्पष्ट बढ़त बना ली है और चुनावी तस्वीर एक बार फिर उनके पक्ष में जाती दिख रही है। 2015 के बाद पहली बार मिली एबीवीपी की पिछली जीत के बावजूद, इस साल जेएनयू में वामपंथ ने एक बार फिर क्लीन स्वीप कर लिया है।