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जेफ्री हिंटन ने एआई के खतरों पर जताई चिंता, आम आदमी के लिए संभावित जोखिम

जेफ्री हिंटन, जिन्हें एआई का गॉडफादर माना जाता है, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित खतरों के बारे में गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक आम आदमी को परमाणु बम बनाने में मदद कर सकती है, जिससे मानवता को बड़ा खतरा हो सकता है। उनके विचारों पर कुछ विशेषज्ञ सहमत नहीं हैं, जबकि हालिया घटनाओं ने एआई के दुष्प्रभावों को उजागर किया है। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है।
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जेफ्री हिंटन ने एआई के खतरों पर जताई चिंता, आम आदमी के लिए संभावित जोखिम

एआई के गॉडफादर की चेतावनी

नई दिल्ली - एआई के क्षेत्र में प्रमुख व्यक्तित्व जेफ्री हिंटन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित खतरों के बारे में गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि एआई के विकास को तेज करने के बजाय इसके संभावित दुष्प्रभावों पर ध्यान देना आवश्यक है।


हिंटन का मानना है कि एआई मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह तकनीक किसी भी व्यक्ति को परमाणु बम बनाने में सहायता कर सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि एआई की सहायता से एक साधारण व्यक्ति जैविक हथियार भी बना सकता है, जो अत्यंत चिंताजनक है। इससे व्यापक स्तर पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। हिंटन ने यह भी कहा कि एआई की बुद्धिमत्ता मानव अनुभव से बहुत भिन्न नहीं है।


हालांकि, सभी विशेषज्ञ हिंटन के विचारों से सहमत नहीं हैं। उनके पूर्व सहयोगी यान लेकुन और मेटा के चीफ एआई साइंटिस्ट का कहना है कि बड़े लैंग्वेज मॉडल सीमित हैं और वे दुनिया के साथ प्रभावी संवाद करने में असमर्थ हैं।


यह ध्यान देने योग्य है कि एआई के लाभों के साथ-साथ इसके खतरनाक पहलू भी सामने आए हैं। हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि चैटजीपीटी के कारण एक 16 वर्षीय बच्चे ने आत्महत्या कर ली, जबकि एक अन्य मामले में एक बेटे ने एआई टूल के प्रभाव में आकर अपनी मां की हत्या कर दी।