जैश-ए-मोहम्मद का नया कदम: महिलाओं की ब्रिगेड 'जमात अल-मुमिनत' का गठन

जैश-ए-मोहम्मद की नई रणनीति
जैश की महिला ब्रिगेड: भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों को एक बड़ा झटका दिया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कई ठिकाने ध्वस्त हुए और मसूद अजहर के रिश्तेदारों सहित कई लोग मारे गए। इस हमले के बाद, जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए एक नई महिला ब्रिगेड 'जमात अल-मुमिनत' का गठन किया है।
महिलाओं की विशेष इकाई 'जमात अल-मुमिनत'
जमात अल-मुमिनत जैश का महिला विंग है, जो मनोवैज्ञानिक युद्ध और मानसिक प्रचार पर ध्यान केंद्रित करता है। इस ब्रिगेड का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को भटकाना और उन्हें संगठन की गतिविधियों में शामिल करना है। यह समूह धार्मिक बहाने और भावनात्मक सामग्री के माध्यम से महिलाओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है।
ऑनलाइन और ग्राउंड नेटवर्क का विस्तार
जमात अल-मुमिनत जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में सक्रिय है। यह समूह सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और कुछ मदरसों के नेटवर्क के जरिए अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। इसका उद्देश्य महिलाओं को धर्म के नाम पर गुमराह करना और संगठन के लिए उपयोग करना है।
धार्मिक छवि और भावनात्मक अपील
इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार, जैश की नई सर्कुलर में मक्का और मदीना की तस्वीरें शामिल की गई हैं ताकि इसे धार्मिक अपील दी जा सके। इसके अलावा, शहरी और शिक्षित मुस्लिम महिलाओं को प्रभावित करने के लिए भावनात्मक सामग्री का भी उपयोग किया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की नई चाल
मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पीओके में जैश के कई ठिकाने नष्ट किए। इसके बाद, संगठन ने नई साजिशों की ओर बढ़ते हुए महिलाओं का उपयोग ढाल के रूप में करने का निर्णय लिया। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बताया है कि आतंकवादी संगठन अपने पुराने तरीकों से हिल गया है और नई रणनीति अपना रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और इस पर नजर रख रही हैं।