जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की नई विंग की शुरुआत की

जैश-ए-मोहम्मद की नई रणनीति
जैश-ए-मोहम्मद: पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान के बाद अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। संगठन ने पहली बार महिलाओं के लिए एक विंग "जमात-उल-मोमिनात" की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करना है।
महिलाओं की भागीदारी पर नई पहल
मसूद अजहर के नेतृत्व में इस संगठन ने पहले कभी भी महिलाओं को किसी भी सशस्त्र या आतंकवादी मिशन में शामिल नहीं किया था। लेकिन अब, संगठन ने बहावलपुर स्थित अपने मुख्यालय मरकज़ उस्मान-ओ-अली से नई महिला ब्रिगेड की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है।
सादिया अजहर की कमान
सूत्रों के अनुसार, इस विंग की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी गई है। सादिया के पति यूसुफ अजहर की मौत भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई थी।
आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की भर्ती
संगठन अब अपने मारे गए कमांडरों की पत्नियों और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को भी भर्ती कर रहा है। भर्ती अभियान बहावलपुर, कराची, मुझफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मनसेहरा में चलाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि जमात-उल-मोमिनात भविष्य में महिला आत्मघाती हमलावरों को भी तैनात कर सकती है।
भारत में ऑनलाइन नेटवर्क का विस्तार
खुफिया जानकारी के अनुसार, यह महिला विंग भारत में भी अपनी जड़ें फैलाने की योजना बना रही है। इसके लिए संगठन जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत में ऑनलाइन नेटवर्क स्थापित कर रहा है। सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स के माध्यम से शिक्षित और शहरी मुस्लिम महिलाओं को धार्मिक भावनाओं के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में नुकसान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब प्रांत में जैश के मुख्यालय को निशाना बनाया था। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार करीबी सहयोगी मारे गए थे। यह ध्यान देने योग्य है कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल रहा है।