जैसलमेर में जासूसी का मामला: सरकारी कर्मचारी पर पाकिस्तान को जानकारी लीक करने का आरोप

राजस्थान के रेगिस्तान में जासूसी का खुलासा
राजस्थान के जैसलमेर के एक छोटे गांव में एक जासूसी मामले का पर्दाफाश हुआ है, जो किसी थ्रिलर फिल्म की कहानी से कम नहीं है। शकूर खां, जो पहले एक पूर्व मंत्री का विश्वसनीय सचिव था, अब देश की सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में है। उस पर आरोप है कि वह भारतीय सेना और सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेजता था।
सरकारी नौकरी के पीछे छिपा जासूसी का खेल
जैसलमेर जिले से गिरफ्तार शकूर खां पर आरोप है कि वह सरकारी कर्मचारी के रूप में काम करते हुए पाकिस्तान को गुप्त जानकारियाँ भेजता था। पूछताछ में यह सामने आया कि वह सीमावर्ती क्षेत्रों की सरकारी बैठकों के बहाने भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान पहुंचाता था। इसके बदले में उसे पाकिस्तान से बड़ी रकम मिलती थी, जो उसके बैंक खातों में जमा होती थी। बताया गया है कि वह सात बार पाकिस्तान जा चुका है और वहां के सिंध प्रांत में उसके रिश्तेदार हैं।
पूर्व मंत्री के सचिव की संदिग्ध गतिविधियाँ
शकूर खां का संबंध पूर्व विधायक और मंत्री शाले मोहम्मद से रहा है, जहां वह 2009 से 2013 तक उनके निजी सचिव के रूप में कार्यरत रहा। मंत्री के कार्यकाल के दौरान, वह कई बार सीमावर्ती क्षेत्रों में गया और वहां से संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान को भेजी। उसे सेना के फायरिंग रेंज और चांदन एयरबेस की गतिविधियों की जानकारी लीक करने के आरोप भी हैं।
फोन और वित्तीय लेन-देन की जांच
शकूर खां के मोबाइल से कुछ पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जिनका वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। उसके फोन से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी डिलीट मिले हैं, जिन्हें रिकवर करने की कोशिश की जा रही है। जांच एजेंसियों को शक है कि उसका संबंध हाल ही में पकड़ी गई महिला जासूस ज्योति मल्होत्रा से भी हो सकता है। इसके अलावा, उसके तीन बैंक खातों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसे पाकिस्तान से नियमित रूप से पैसे मिलते थे या नहीं।
राजस्थान में जासूसी का सबसे बड़ा मामला?
वर्तमान में शकूर खां को जयपुर लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। यदि उसके पाकिस्तान से संबंधों की पुष्टि होती है, तो यह राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा जासूसी मामला बन सकता है। जांच एजेंसियाँ शकूर से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान करने में जुटी हैं ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके। यह मामला राजस्थान की शांत रेत के नीचे छिपे एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करता है।